क्या ताज़िक, उज़बेक और हज़ारा क़बीलों के लोग आपसी मतभेद और अतीत की लड़ाइयों और कटुता को भुला कर एकजुट हो पश्तून प्रभुत्व के प्रतीक तालिबान को चुनौती देंगे?
अल्पसंख्यक अफ़ग़ान क़बीले तालिबान के ख़िलाफ़ बनाएंगे नॉदर्न अलायंस?
- दुनिया
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- 21 Aug, 2021

सवाल यह उठता है कि क्या अमेरिका चीन-भारत-पाकिस्तान के बीच स्थित और गैस व खनिजों से भरे मध्य एशिया से सटे इस इलाक़े को बिल्कुल छोड़ देगा। अमेरिका जिस चीन को दक्षिण चीन सागर में घेरने के लिए वह एड़ी चोटी एक किए हुए है और एशिया प्रशांत के नाम पर घेरेबंदी कर रहा है, उस चीन को यह इलाक़ा यूं ही तश्तरी में सजा कर दे देगा?
क्या नार्दर्न एलायंस एक बार फिर सक्रिय होगा? क्या ताज़िकिस्तान और उज़बेकिस्तान अपने पड़ोस अफ़ग़ानिस्तान में होने वाले ताज़िक-उज़बेक विद्रोह के प्रति आँखें मूंदे रहेंगे?
ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि पश्तून आन्दोलन माने जाने वाले तालिबान के ख़िलाफ़ दूसरे क़बीले खास कर ताज़िक, उज़बेक और हज़ारा एकजुट हो रहे हैं।
जिस नार्दर्न एलायंस ने 1996 से 2001 के तालिबान शासन के दौरान उन्हें ज़बरदस्त टक्कर दी थी और अंत में उखाड़ फ़ेंका था, उसे एक बार फिर संगठित करने की कोशिशें की जा रही हैं।
जिस नार्दर्न एलायंस ने 1996 से 2001 के तालिबान शासन के दौरान उन्हें ज़बरदस्त टक्कर दी थी और अंत में उखाड़ फ़ेंका था, उसे एक बार फिर संगठित करने की कोशिशें की जा रही हैं।