पाकिस्तान और चीन के बाद जो देश तालिबान के साथ खुल कर खड़ा है, वह रूस है। वही रूस जिसे काबुल पर तालिबान के क़ब्ज़े से कोई परेशानी नहीं हुई, जिसका दूतावास थोड़े समय के लिए भी बंद नहीं हुआ, जिसके राजदूत ने औपचारिक रूप से कहा कि तालिबान के साथ काम करने में कोई दिक्क़त नहीं है।