पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा के मामले में सोमवार को बंगाल की विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ है। विधानसभा में बीजेपी और टीएमसी के विधायक आपस में भिड़ गए। भिड़ंत में कई विधायक घायल हो गए। घटना के विरोध में बीजेपी के विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
विधानसभा सत्र शुरू होते ही बीजेपी विधायकों ने बीरभूम में हुई हिंसा को लेकर सदन में धरना दिया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफ़े की मांग की।
बीजेपी के विधायक वेल में आ गए और ममता बनर्जी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान स्पीकर विमान बनर्जी ने विपक्ष के विधायकों से कहा कि वे अपनी सीट पर चले जाएं लेकिन उनका विरोध जारी रहा।
थोड़ी देर बाद टीएमसी के विधायक भी वेल में आ गए और उनकी बीजेपी के विधायकों के साथ झड़प हुई। स्पीकर ने बीजेपी के 5 विधायकों को सस्पेंड कर दिया।
विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के विधायकों को सदन के अंदर पीटा गया है और इस वजह से पार्टी के चीफ व्हिप मनोज तिग्गा, विधायक नरहरी महतो घायल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि महिला विधायक चंदना बौरी पर भी हमला किया गया।
दूसरी ओर, टीएमसी ने आरोप लगाया कि विपक्षी विधायकों ने महिला सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया और आधिकारिक दस्तावेजों को नुकसान पहुंचाया।
इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक जबरदस्त राजनीतिक प्रतिक्रिया हुई है और बीजेपी और कांग्रेस ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में घटनास्थल का दौरा किया था।
क्या हुआ था?
भीड़ ने रामपुरहाट कस्बे के बोगतुई गांव में बम फेंके थे जिसमें 10 घर जलकर खाक हो गए थे। कहा जा रहा है कि भीड़ ने यह बम टीएमसी के नेता भादु शेख की हत्या का बदला लेने के लिए फेंके थे। भादु शेख का शव सोमवार को मिला था।
कोलकाता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि बीरभूम जिले में हुई हिंसा के मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई से 1 हफ्ते के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। मामले की अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी।
सीबीआई ने अपनी एफआईआर में 21 लोगों को नामजद किया था और कहा था कि आगजनी हत्या के इरादे से की गई। बीजेपी सांसद रूपा गांगुली ने राज्यसभा में इस मसले को उठाया था और इस दौरान उनके आंसू छलक पड़े थे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि सीबीआई बीजेपी के इशारे पर काम ना करे।
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