पश्चिम बंगाल उपचुनाव का परिणाम चौंकाने वाला रहा। इसमें 4 में से 3 सीटों पर बीजेपी की जमानत क्यों जब्त हो गई? उसे सिर्फ़ 14.5 फ़ीसदी वोट क्यों मिले? वह भी तब जब कुछ महीने पहले ही विधानसभा चुनाव में उसे 38 फ़ीसदी से भी ज़्यादा वोट मिले थे। उससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में तो उसे 40 फ़ीसदी से भी ज़्यादा वोट मिले थे। विधानसभा चुनाव के बाद यानी छह महीने में बीजेपी का वोट प्रतिशत क़रीब 24 फ़ीसदी कैसे खिसक गया और इसका क्या संकेत है?
बंगाल जीतने चली बीजेपी के 24% वोटर कहाँ गए; ज़मीन ही खिसक गई?
- पश्चिम बंगाल
- |
- |
- 3 Nov, 2021

बीजेपी जिस पश्चिम बंगाल में छह महीने पहले तक सरकार बनाने का दावा कर रही थी वहाँ विफल कैसे साबित हुई? आख़िर उसके वोट इतने कम कैसे हो गए?
पश्चिम बंगाल उपचुनाव का यह परिणाम चौंकाने वाला सिर्फ़ इसलिए नहीं है कि 4 में से 4 सीटें बीजेपी हार गई और चारों सीटों पर ममता बनर्जी की टीएमसी का कब्जा हो गया। यह चौंकाने वाला इसलिए भी है कि छह महीने पहले तक बीजेपी इसी पश्चिम बंगाल को फतह करने का दावा कर रही थी। तृणमूल कांग्रेस के सफाए के दावे किए जा रहे थे। बीजेपी द्वारा पेश की गई ऐसी तसवीर को भी मुख्यधारा के मीडिया में भी काफ़ी जगह मिल रही थी और हवा का रुख कुछ इस तरह दिखाया गया था कि एक के बाद एक तृणमूल नेता बीजेपी में शामिल होने लगे थे। चुनाव पूर्व कुछ सर्वे रिपोर्टों और कुछ एग्जिट पोल में भी बीजेपी का पलड़ा भारी दिखाया गया था।