ज़फ़र आग़ा ने मुसलमानों में सामाजिक क्रांति की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है। उनके मुताबिक़ मुसलमानों पर मौलवियों का असर बहुत ज़्यादा है और वे उनकी तरक़्क़ी के रास्ते में रुकावट बन गए हैं। तरक़्क़ी और आधुनिकता का सीधा रिश्ता माना जाता है। मुसलमान आधुनिक नहीं हैं और इसका एक बड़ा कारण उनमें आधुनिक शिक्षा का अभाव है, ऐसा ज़फ़र साहब का कहना है। इस कारण वे समाज में पिछड़ गए हैं।