नागरिकता संशोधन विधेयक केंद्रीय सरकार के मंत्रिमंडल ने पारित कर दिया है। कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गाँधी ने इसका विरोध किया है। लेकिन बाक़ी बड़े दल, अगर वे बड़े और राजनीतिक अभी भी हैं, चुप या अस्पष्ट हैं। यह बात बिना लाग लपेट के कही जानी चाहिए कि यह विधेयक पूरी तरह से भारत के संविधान की आत्मा के ख़िलाफ़ है और विभाजनकारी है।