एक हथिनी बिजली का नंगा तार छूकर मारी गई लेकिन उसके छोटे से घायल बच्चे को किसी तरह बचा लिया गया। तमिलनाडु के मुदुमलै नेशनल पार्क में पूरे पांच साल लगाकर फिल्माई गई कार्तिकी गोंजाल्वेज की फिल्म ‘द एलीफ़ेंट व्हिसपरर्स’ यह नहीं बताती कि हथिनी ने बिजली का तार आखिर छुआ कैसे। कई सारे बेरहम सवाल इससे जुड़े चले आते हैं। फ़सलें बचाने के लिए की गई इलेक्ट्रिक फेंसिंग। हाथीदांत और चंदन की तस्करी। इस बार डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी का ऑस्कर जीतने वाली इस फिल्म में ऐसी कड़वी सचाइयों को न छूने का फ़ैसला फ़िल्मकार ने इरादतन किया हो, ऐसा भी नहीं है। फिल्म का क्राफ्ट ही कुछ ऐसा है कि विलेन के लिए इसमें कोई जगह नहीं है।