उत्तराखंड का जोशीमठ शहर इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है क्योंकि यहां के लगभग 600 घरों में दरारें आ चुकी हैं। इस वजह से प्रभावित लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है। यह जानना जरूरी होगा कि जोशीमठ क्यों अहम है और इसका धार्मिक और सामरिक महत्व क्या है।
क्यों धार्मिक और सामरिक लिहाज से अहम है जोशीमठ?
- उत्तराखंड
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- 7 Jan, 2023
कई अहम धार्मिक व पर्यटक स्थलों तक पहुंचने का रास्ता जोशीमठ से होकर जाता है। साल भर बड़ी संख्या में पर्यटकों और श्रद्धालुओं का जोशीमठ में आना-जाना लगा रहता है और इसीलिए राज्य और केंद्र सरकार को इस शहर पर ध्यान देना चाहिए।

जोशीमठ चीन से लगने वाली भारत की सीमा के चमोली जिले में स्थित है। यहां बद्रीनाथ धाम है जहां देशभर से हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। जोशीमठ उन चार धार्मिक मठों में से एक है जिनकी स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी। तीन अन्य धार्मिक मठ- द्वारका, पुरी और श्रृंगेरी के हैं। जोशीमठ का पुराना नाम ज्योर्तिमठ है।
कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने किशोरावस्था में कल्पवृक्ष के नीचे तप किया था और इसके बाद देश के चारों कोनों में चार मठों की स्थापना की थी और तब जोशीमठ को ज्योर्तिमठ नाम दिया गया था। बाद में यह जोशीमठ के नाम से प्रचलित हुआ।