loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
57
एनडीए
23
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
226
एमवीए
53
अन्य
9

चुनाव में दिग्गज

कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय

पीछे

हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट

आगे

उत्तराखंड में प्रदर्शनकारियों ने श्रीनगर-बद्रीनाथ हाईवे जाम कर रखा है।

क्या सबूत मिटाने को रिसॉर्ट गिराया, अंकिता के पिता का सवाल

अंकिता भंडारी के परिवार ने आख़िरकार रविवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया। ऋषिकेश के एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीय लड़की की कथित तौर पर रिसॉर्ट का मालिक और बीजेपी नेता के बेटे ने हत्या कर दी थी। अब बीजेपी से निष्कासित नेता के बेटे समेत तीन लोगों को मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

अंकिता के पिता और भाई ने शुरू में अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने तक उसका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। किशोरी का शव शनिवार को ऋषिकेश के पास चीला नहर में मिला था। छह दिन पहले ही उनके माता-पिता को अंकिता का पता नहीं चल पा रहा था और उसके कमरे से वह गायब थीं।

अंतिम संस्कार करने से पहले उत्तराखंड में बीजेपी नेता के परिवार के गलत इरादों का शिकार हुई अंकिता भंडारी का उनके परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। श्रीनगर में मोर्चरी को स्थानीय लोगों ने घेर लिया था। वे वहां प्रदर्शन कर रहे थे। प्रशासन से न्याय देने सहित कई तरह के आश्वासन मिलने के बाद परिजन राजी हुए।
Uttarakhand: Ankita Bhandari Murder case, SIT Probing - Satya Hindi
उत्तराखंड के श्रीनगर में आम लोगों का प्रदर्शन जारी है
उत्तराखंड को हिला देने वाले अंकिता भंडारी कांड को लेकर पूरे राज्य में प्रदर्शन हो रहे हैं। श्रीनगर-बद्रीनाथ राजमार्ग जाम कर दिया गया है। लोगों ने आज रविवार 25 सितंबर को कई स्थानों पर प्रदर्शन किए हैं। इस समाचार के लिखे जाने तक मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के मोर्चरी को घेर लिया गया है। वहां प्रदर्शन चल रहा है। स्थानीय लोगों ने बीजेपी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। भारी संख्या में पुलिस बल मोर्चरी पर तैनात किया गया है। अंकिता के परिवार ने बिना पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट प्राप्त किए अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। अंकिता के पिता का सवाल है कि क्या बीजेपी नेता के रिसॉर्ट को इसलिए गिरा दिया गया, ताकि सबूत मिटाए जा सकें। 19 साल की अंकिता इस रिसॉर्ट में जॉब करती थी। अंकिता के परिवार और रिश्तेदारों का आरोप है कि अंकिता भंडारी पर रिसॉर्ट मालिक और बीजेपी ने देह व्यापार के लिए दबाव बनाया, न मानने पर हत्या कर दी।
रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, जो कि बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे, प्रबंधक और सहायक प्रबंधक हैं, को शुक्रवार को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अंकिता की ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि उसकी मौत डूबने से हुई थी और मौत से पहले शरीर पर चोटों के निशान थे। जिससे पता चलता है कि उसे किसी बात पर मारा-पीटा गया है।

अंकिता भंडारी की कथित हत्या के विरोध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की एसआईटी जांच का आदेश दिया और कहा कि आरोपियों को 'कठोर सजा' दी जाएगी।

एसआईटी अंकिता के व्हाट्सएप चैट की भी जांच करेगी, जहां उसने अपने एक करीबी दोस्त को बताया कि पुलकित आर्य और मैनेजर जहां वो काम कर रही थी, उन पर ग्राहकों को 'विशेष सेवाएं' प्रदान करने का दबाव बढ़ रहा था।
डीआईजी पीआर देवी, (एसआईटी) ने कहा कि हमने रिसॉर्ट में हर कर्मचारी को थाने बुलाया है, सभी के बयान लेंगे। हम रिसॉर्ट के बारे में सारी जानकारी जुटाकर उसका विश्लेषण कर रहे हैं। अंकिता के वाट्सऐप चैट भी सामने आए हैं। उसकी भी जांच होगी।
मृतक के परिवार ने कहा था कि जब तक अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो जाती, तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी मांग की है कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट से होनी चाहिए और आरोपियों को फांसी दी जानी चाहिए। 
उत्तराखंड से और खबरें
अंकिता के भाई अजय सिंह भंडारी ने सुबह कहा था, जब तक उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी जाती, हम उसका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हमने उसकी अस्थायी रिपोर्ट में देखा कि उसे पीटा गया और नदी में फेंक दिया गया। लेकिन हम अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

सीधासाधा बालक हैः पुलकित भंडारी के पिता का बयान

आरोपी पुलकित भंडारी के पिता डॉ विनोद आर्य ने रविवार को कहा कि पुलकित आर्य मेरा बेटा था। लेकिन मुझसे अलग रह रहा था। उसका किसी अपराध में नाम नहीं आया है। वो सीधासाधा बालक है। मैंने बीजेपी में सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया है। ताकि जांच में किसी तरह की कोई बाधा नहीं आया। मैं भी चाहता हूं कि अंकिता को इंसाफ मिले। सरकार की जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तराखंड से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें