अंकिता भंडारी के परिवार ने आख़िरकार रविवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया। ऋषिकेश के एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीय लड़की की कथित तौर पर रिसॉर्ट का मालिक और बीजेपी नेता के बेटे ने हत्या कर दी थी। अब बीजेपी से निष्कासित नेता के बेटे समेत तीन लोगों को मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
अंकिता के पिता और भाई ने शुरू में अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने तक उसका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। किशोरी का शव शनिवार को ऋषिकेश के पास चीला नहर में मिला था। छह दिन पहले ही उनके माता-पिता को अंकिता का पता नहीं चल पा रहा था और उसके कमरे से वह गायब थीं।
अंतिम संस्कार करने से पहले उत्तराखंड में बीजेपी नेता के परिवार के गलत इरादों का शिकार हुई अंकिता भंडारी का उनके परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। श्रीनगर में मोर्चरी को स्थानीय लोगों ने घेर लिया था। वे वहां प्रदर्शन कर रहे थे। प्रशासन से न्याय देने सहित कई तरह के आश्वासन मिलने के बाद परिजन राजी हुए।
उत्तराखंड के श्रीनगर में आम लोगों का प्रदर्शन जारी है
उत्तराखंड को हिला देने वाले अंकिता भंडारी कांड को लेकर पूरे राज्य में प्रदर्शन हो रहे हैं। श्रीनगर-बद्रीनाथ राजमार्ग जाम कर दिया गया है। लोगों ने आज रविवार 25 सितंबर को कई स्थानों पर प्रदर्शन किए हैं। इस समाचार के लिखे जाने तक मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के मोर्चरी को घेर लिया गया है। वहां प्रदर्शन चल रहा है। स्थानीय लोगों ने बीजेपी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। भारी संख्या में पुलिस बल मोर्चरी पर तैनात किया गया है। अंकिता के परिवार ने बिना पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट प्राप्त किए अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। अंकिता के पिता का सवाल है कि क्या बीजेपी नेता के रिसॉर्ट को इसलिए गिरा दिया गया, ताकि सबूत मिटाए जा सकें। 19 साल की अंकिता इस रिसॉर्ट में जॉब करती थी। अंकिता के परिवार और रिश्तेदारों का आरोप है कि अंकिता भंडारी पर रिसॉर्ट मालिक और बीजेपी ने देह व्यापार के लिए दबाव बनाया, न मानने पर हत्या कर दी।
रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, जो कि बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे, प्रबंधक और सहायक प्रबंधक हैं, को शुक्रवार को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अंकिता की ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि उसकी मौत डूबने से हुई थी और मौत से पहले शरीर पर चोटों के निशान थे। जिससे पता चलता है कि उसे किसी बात पर मारा-पीटा गया है।
अंकिता भंडारी की कथित हत्या के विरोध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की एसआईटी जांच का आदेश दिया और कहा कि आरोपियों को 'कठोर सजा' दी जाएगी।
एसआईटी अंकिता के व्हाट्सएप चैट की भी जांच करेगी, जहां उसने अपने एक करीबी दोस्त को बताया कि पुलकित आर्य और मैनेजर जहां वो काम कर रही थी, उन पर ग्राहकों को 'विशेष सेवाएं' प्रदान करने का दबाव बढ़ रहा था।
डीआईजी पीआर देवी, (एसआईटी) ने कहा कि हमने रिसॉर्ट में हर कर्मचारी को थाने बुलाया है, सभी के बयान लेंगे। हम रिसॉर्ट के बारे में सारी जानकारी जुटाकर उसका विश्लेषण कर रहे हैं। अंकिता के वाट्सऐप चैट भी सामने आए हैं। उसकी भी जांच होगी।
मृतक के परिवार ने कहा था कि जब तक अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो जाती, तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी मांग की है कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट से होनी चाहिए और आरोपियों को फांसी दी जानी चाहिए।
अंकिता के भाई अजय सिंह भंडारी ने सुबह कहा था, जब तक उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी जाती, हम उसका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हमने उसकी अस्थायी रिपोर्ट में देखा कि उसे पीटा गया और नदी में फेंक दिया गया। लेकिन हम अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
सीधासाधा बालक हैः पुलकित भंडारी के पिता का बयान
आरोपी पुलकित भंडारी के पिता डॉ विनोद आर्य ने रविवार को कहा कि पुलकित आर्य मेरा बेटा था। लेकिन मुझसे अलग रह रहा था। उसका किसी अपराध में नाम नहीं आया है। वो सीधासाधा बालक है। मैंने बीजेपी में सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया है। ताकि जांच में किसी तरह की कोई बाधा नहीं आया। मैं भी चाहता हूं कि अंकिता को इंसाफ मिले। सरकार की जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
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