loader

जोशीमठ से बद्रीनाथ धाम जाने वाली सड़क क्यों धंस रही है

जोशीमठ से बद्रीनाथ जाने वाली सड़क पर कई जगह दरारें पड़ गई हैं। मिट्टी धंस गई है। इससे बद्रीनाथ की तीर्थ यात्रा पर संकट के बादल गहरा उठे हैं। इस सड़क पर मिट्टी जोशीमठ क्षेत्र में धंसी है। यात्रा शुरू होने में कुल चार महीने बाकी हैं।  

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक टीसीपी क्षेत्र से मारवाड़ी पुल तक बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग लंबे समय तक भूस्खलन की चपेट में था, लेकिन हाल के धंसने के बाद अब यह और अधिक स्थानों पर धंस रहा है। जोशीमठ के रहने वाले दिनेश लाल ने कहा कि 2 और 3 जनवरी को आई दरारों के कारण उनका घर क्षतिग्रस्त हो गया था। उस समय के आसपास, राजमार्ग पर सबसे बड़ा भूस्खलन हुआ था। उन्होंने कहा, उसी दिन जेपी कॉलोनी के पास भूस्खलन से सड़क का एक बड़ा हिस्सा बह गया। 
ताजा ख़बरें
नरसिंह मंदिर, गोरंग और मारवाड़ी को जाने वाले मोटर मार्ग बाइपास रोड पर सिंहधर वार्ड के इलाकों में हाईवे का धंसाव देखा जा सकता है। जोशीमठ में सैकड़ों घरों में दरारें आने के बाद आसपास के दो होटलों 'माउंटव्यू' और 'मलारी इन' को असुरक्षित घोषित कर तोड़ा जा रहा है।  
हालांकि राजमार्ग जोशीमठ से बद्रीनाथ धाम के माध्यम से माना पास की ओर जाता है, जोशीमठ से 15 किमी दूर गोविंद घाट शहर से एक सड़क श्री हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी में बदल जाती है।
हर साल अप्रैल-मई में शुरू होने वाली चार धाम यात्रा के दौरान हाईवे पर भारी ट्रैफिक देखा जाता है। चमोली जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने भूस्खलन और राजमार्ग पर दरारों से हुए नुकसान पर कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) स्थिति का आकलन कर रहा है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन के कारण सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है, लेकिन यहां यातायात पहले की तरह चल रहा है। बीआरओ के सूत्रों ने कहा कि राजमार्ग पर सात या आठ स्थानों पर भूस्खलन हो रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ स्थान पहले से ही डूब रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सड़क को सुधारने के प्रयास जारी हैं और इस मुद्दे पर बीआरओ अधिकारियों और राज्य सरकार के बीच बैठकें चल रही हैं।सूत्रों के मुताबिक सरकार भूस्खलन के विभिन्न पहलुओं की जांच में जुटी तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। उसके बाद ही इस संबंध में कोई निर्णय लिया जाएगा। 
निर्माणाधीन हेलंग-मारवाड़ी बाईपास तीर्थयात्रा के लिए एक वैकल्पिक मार्ग हो सकता था, लेकिन यात्रा शुरू होने से पहले इसके पूरा होने की संभावना नहीं है।
जोशीमठ आपदा राहत कार्यों पर मुख्य विकास अधिकारी ललित नारायण मिश्रा ने कहा कि जोशीमठ शहर क्षेत्र में भूस्खलन के कारण 863 भवनों में दरारें पाई गई हैं, जिनमें से 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में हैं। जोशीमठ में आपदा प्रभावित 278 परिवारों के 933 सदस्यों को सुरक्षा की दृष्टि से राहत शिविरों में भेजा गया है, जहां उन्हें भोजन, पेयजल, दवा आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। 
उत्तराखंड से और खबरें
भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में धरती जिस गति से धंस रही है, उस पर लगातार नजर रखी जा रही है, वहीं दरारों वाली इमारतों की पहचान करने का काम अभी भी जारी है। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) की तकनीकी देखरेख में असुरक्षित घोषित किए गए दो होटलों को तोड़ने और जोशीमठ में एक लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) भवन और तीन निजी भवनों का निरीक्षण किया जा रहा है।

Joshimath to Badrinath Dham road sinking  - Satya Hindi

देहरादून में आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा कि सरकार की ओर से अंतरिम सहायता के रूप में 310 प्रभावित लोगों को 3.72 करोड़ रुपये की राशि बांटी गई है। जोशीमठ के मारवाड़ी इलाके की जेपी कॉलोनी में अज्ञात भूमिगत स्रोत से लगातार हो रहा पानी का रिसाव घटकर 182 लीटर प्रति मिनट हो गया है। छह जनवरी को यह मात्रा 540 लीटर प्रति मिनट थी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तराखंड से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें