19 वर्षीय अंकिता भंडारी 12वीं पास थीं। कॉलेज जाना चाहती थीं। उनके परिवार में इतनी आमदनी नहीं थी और इसलिए उन्होंने कुछ काम करने का फ़ैसला किया। काम शुरू भी किया, लेकिन वह अपनी पहली कमाई की सैलरी भी नहीं ले सकी थीं कि उनकी हत्या कर दी गई।