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अंकिता हत्याकांड: शव बरामद, अभियुक्तों के रिजॉर्ट पर चला बुलडोजर

उत्तराखंड में 18 सितंबर से लापता हुई अंकिता भंडारी के शव को शनिवार सुबह पुलिस ने बरामद कर लिया है। पिता ने शव की शिनाख्त की है। पुलिस ने इस मामले में बीजेपी नेता के बेटे और वनन्तरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, रिजॉर्ट के प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को गिरफ्तार किया है। अंकिता इस रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर थी और कुछ दिन पहले ही उसे यह नौकरी मिली थी। 

35 वर्षीय पुलकित आर्य हरिद्वार निवासी बीजेपी के नेता डॉ. विनोद आर्य का बेटा और उत्तराखंड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. अंकित आर्य का छोटा भाई है। डॉ. विनोद आर्य वर्तमान में बीजेपी में ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं और साथ ही यूपी के सह प्रभारी हैं। 

इस मामले को लेकर उत्तराखंड के लोगों में खासा आक्रोश है और विपक्षी दलों ने भी राज्य सरकार पर हमला बोला है। उत्तराखंड सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। 

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उत्तराखंड पुलिस ने गोताखोरों की एक टीम के साथ शनिवार सुबह अंकिता के शव की तलाश करने के लिए अभियान चलाया जिसके बाद चीला बैराज से शव मिला। 

तीनों अभियुक्त उसे अपने साथ ऋषिकेश में स्थित चीला पावर हाउस ले गए थे और वहां से उसे नहर में धक्का दे दिया था। उधर, उत्तराखंड पुलिस ने मुख्य अभियुक्त और बीजेपी नेता के बेटे पुलकित आर्य के ऋषिकेश में स्थित वनन्तरा रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में आदेश दिए थे। 

अंकिता ने मौत से पहले अपने एक दोस्त को इस बारे में जानकारी दी थी कि रिजॉर्ट में गलत काम हो रहे हैं और उसके साथ भी कुछ गलत हो सकता है। पुलिस ने कहा है कि अपने रिजॉर्ट में चल रहे गलत कामों को छुपाने के लिए अभियुक्तों ने अंकिता को 18 सितंबर की रात को चीला नहर में फेंक दिया था।

बेहद शातिर है पुलकित आर्य 

पुलकित आर्य बेहद शातिर है और उसने वारदात को अंजाम देने के बाद खुद ही पुलिस में जाकर अंकिता की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी और अंकिता के माता-पिता को भी उसके गायब होने के बारे में झूठ बोला था। इसके बाद अंकिता के माता-पिता ने बेटी को बरामद किए जाने की गुहार उत्तराखंड सरकार और पुलिस से लगाई थी। सोशल मीडिया पर जब यह मामला बेहद गर्म हो गया तो उत्तराखंड पुलिस ने राजस्व पुलिस से इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली। पुलिस ने पुलकित आर्य और अन्य अभियुक्तों से पूछताछ की तो उन्होंने अपना गुनाह कुबूल कर लिया कि उन्होंने ही अंकिता को नहर में धक्का दिया था। 

Ankita bhandari murder case Pulkit Arya arrested - Satya Hindi
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ अभियुक्त के पिता डॉ. विनोद आर्य।

शुक्रवार को जब पुलिस अभियुक्तों को लेकर जा रही थी तो आक्रोशित ग्रामीणों ने तीनों अभियुक्तों को जमकर पीटा था और रिजॉर्ट में पथराव किया था। पुलिस ने किसी तरह अभियुक्तों को भीड़ से निकालकर कोर्ट में पेश किया था। 

फांसी देने की मांग 

अंकिता मूल रूप से पौड़ी जिले की रहने वाली थी और उसकी उम्र 19 साल थी। अंकिता के माता-पिता और परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में हीला हवाली की। अंकिता के माता-पिता अपनी बेटी के हत्यारों को फांसी के फंदे पर देखना चाहते हैं। अंकिता अपने परिवार की होनहार लड़की थी और इसीलिए पढ़ने लिखने के बाद वह शहर में काम ढूंढने के लिए आई थी। 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी और राज्य सरकार पीड़ित परिवार को हर हाल में न्याय दिलाएगी।

लोगों में आक्रोश 

अंकिता की हत्या से गुस्साए उत्तराखंड के अलग-अलग राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने शुक्रवार को राजधानी देहरादून और अन्य इलाकों में जोरदार प्रदर्शन किया। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि यह जघन्य अपराध है और प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है जबकि उत्तराखंड क्रांति दल, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच, संयुक्त मोर्चा आदि संगठनों ने देहरादून में जुलूस निकाला और अभियुक्तों को फांसी की सजा देने की मांग की। इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग बेहद नाराज हैं और लगातार उत्तराखंड सरकार और उत्तराखंड पुलिस के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं। 

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विवादों में रहा है पुलकित

उत्तराखंड के स्थानीय समाचार पत्रों के मुताबिक, पुलकित आर्य कई विवादों में रहा है। दैनिक जागरण के मुताबिक, साल 2016 में ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज में चर्चित मुन्ना भाई कांड में पुलकित को एडमिशन के फर्जीवाड़े के चलते निष्कासित किया गया था। तब उसके खिलाफ पुलिस में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके अलावा हरिद्वार में लड़ाई झगड़ों के कई मामलों में पुलकित का नाम सामने आया लेकिन क्योंकि वह रसूखदार परिवार से संबंध रखता है इसलिए उसके खिलाफ कभी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई।

लॉकडाउन में जब लोग अपने घरों में कैद थे तब पुलकित अपने पिता की गाड़ी से चमोली जा पहुंचा था और ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया था।  पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पुलकित को ग्रामीणों से छुड़ाया था। पुलकित के पिता और उसके भाई राज्य सरकार में बड़े पदों पर रहे हैं इसलिए उस पर सत्ता की ताकत का नशा भी चढ़ा हुआ था। 

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क़मर वहीद नक़वी
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