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उत्तराखंड में 'आप' का वादा:  छह महीने में एक लाख नौकरी

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022  को ध्यान में रखते हुए आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कई बेहद अहम एलान किए हैं। ये एलान अगले चुनाव के लिए 'गेम चेंजर' साबित हो सकते हैं, लेकिन पार्टी को लोगों को यह भरोसा दिलाना होगा कि वह इन वायदों को लेकर पूरी तरह गंभीर है और उन्हें हर हाल में पूरा करेगी। 

अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि छह महीने के अंदर एक लाख लोगों को रोज़गार दिए जाएंगे। जब तक रोज़गार नहीं मिलता, तब तक हर युवा को महीने का पाँच हज़ार रुपए बतौर भत्ता दिया जाएगा।

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आरक्षण

केजरीवाल ने यह एलान भी किया कि सरकारी ही नहीं, निजी क्षेत्र में भी 80 प्रतिशत नौकरी स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित रखी जाएगी। 

इसके पहले हरियाणा सरकार ने इस तरह का एलान किया था। 

केजरीवाल की यह घोषणा अदालत में टिक पाएगी या नहीं, यह समय आने पर मालूम होगा, पर उन्होंने एलान कर राज्य की राजनीति में एक नई पहल तो कर ही दी है।

पलायन रोकने के लिए मंत्रालय

अरविंद केजरीवाल ने एलान किया कि रोज़गार व पलायन मामलों का एक नया मंत्रालय बनाया जाएगा।

इस मंत्रालय का काम राज्य के बाहर पलायन रोकने और उसके लिए राज्य में ही रोज़ी-रोटी के नए उपाय करना होगा। 

मुफ़्त बिजली

आम आदमी पार्टी के नेता ने एलान किया कि उनकी सरकार बनने पर हर परिवार को महीने में 300 यूनिट मुफ़्त बिजली दी जाएगी। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि किसानों को मुफ़्त बिजली दी जाएगी। 

इसके पहले आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश और पंजाब में भी हर परिवार को तीन सौ ईकाई बिजली मुफ़्त देने एलान कर रखा है। 

दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय हर परिवार को दो सौ यूनिट मुफ़्त बिजली के वायदे पर पार्टी को हुए राजनीतिक फ़ायदे के बाद आम आदमी पार्टी ने इसे एक टेमप्लेट की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस व बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा, 

उत्तराखंड को 21 साल हो गए। 21 साल इन पार्टियों ने उत्तराखंड की दुर्दशा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पहाड़, जंगल सब लूट लिए।


अरविंद केजरीवाल, नेता, आम आदमी पार्टी

'युवाओं का दर्द'

केजरीवाल ने रविवार को हलद्वानी में कहा, "आज देवभूमि में युवाओं का दर्द के बारे में बात करने आया हूँ। उत्तराखंड के युवा को जब भी अवसर मिला उसने गज़ब का काम करके दिखाया, लेकिन पिछले 21 सालों में इन्होंने जैसी दुर्दशा उत्तराखंड की है वैसे ही युवाओं की दुर्दशा की। अवसर के अभाव में युवाओं को अपना घर बार छोड़कर जाना पड़ता है। कोई अपना घर नहीं छोड़ना चाहता सब अपने घर अपने गाँव में रहना चाहते हैं। आज उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या युवाओं का पलायन बन गई है।"

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क़मर वहीद नक़वी
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