देश भर में लॉकडाउन के बीच दूसरे राज्यों से अपने गृह राज्य उत्तर प्रदेश में लौटे क़रीब एक लाख लोगों को योगी सरकार क्वरेंटाइन करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अधिकारियों को इसके निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि देश भर से पिछले तीन दिनों में राज्य में वापस आए ऐसे लोगों को अलग-थलग रखा जाए।
माना जा रहा है कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद से सबसे ज़्यादा दिल्ली-एनसीआर से ऐसे लोगों की संख्या होगी। पिछले तीन-चार दिनों से ऐसे लोगों के पैदल ही उत्तर प्रदेश में अपने घर के लिए निकले हज़ारों लोगों की तसवीरें आती रही हैं। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में कोरोना पॉजिटिव के मामले काफ़ी ज़्यादा आए हैं। लॉकडाउन के बीच काम बंद होने से कई लोगों के सामने भूखे रहने की नौबत आ गई है।
लॉकडाउन में फँसे प्रवासी मज़दूरों को उनके घर पहुँचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक हज़ार बसें चलाने का दावा किया। इसके साथ ही कहा गया था कि इन मज़दूरों के खाने-पीने का इंतज़ाम भी किया गया है। बसों की व्यवस्था किए जाने की ख़बर के बाद शनिवार रात को दिल्ली के नज़दीक आनंद विहार बस अड्डे पर हज़ारों लोग पहुँच गए। इससे ज़बरदस्त अफरातफरी और अव्यवस्था का माहौल रहा। इस भीड़ में स्त्रियाँ, बच्चे, बुजुर्ग सभी उम्र के लोग थे। बसों की संख्या इतनी नहीं हो पायी कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन हो पाए। ऐसे में लोगों के बीच वायरस फैलने का भी ख़तरा बना रहा।
इस बीच सरकार ने ऐसे आप्रवासी लोगों के लिए जो निर्देश जारी किए हैं उसमें योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पिछले तीन दिन में दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश में लौटे क़रीब एक लाख लोगों के नाम, पता और फ़ोन नंबर ज़िला मजिस्ट्रेटों को उपलब्ध करा दिए गए हैं। ऐसे लोगों की निगरानी की जा रही है।
इसके साथ ही सरकार ने यह भी निर्देश दिए हैं कि उन्हें क्वरेंटाइन करने के अलावा उनके खाने-पीने और रोज़ की ज़रूरत की चीजें मुहैया कराई जाएँ। मुख्यमंत्री ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए। अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि आपूर्ति की व्यवस्था को मज़बूत किया जाए।
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