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कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा को हरी झंडी दे दी है। जबकि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड ने इस पर रोक लगा दी है। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने यात्रा में शामिल होने वालों के लिए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट को लाना ज़रूरी किया है लेकिन उसे उत्तराखंड सरकार के जैसा फ़ैसला लेना चाहिए था। क्योंकि कोरोना संक्रमण के मामले कम हुए हैं, महामारी नहीं ख़त्म हुई है।
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने मंगलवार को कहा कि सरकार इस बारे में कांवड़ संघों से बात कर रही है कि सब कुछ कोरोना प्रोटोकॉल के नियमों के तहत किया जाएगा। अगर दूसरे राज्य से भी लोग कांवड़ लेने उत्तर प्रदेश आते हैं तो उन्हें कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
योगी सरकार इस बार यात्रा को कुछ ही जगहों पर सीमित करने पर विचार ज़रूर कर रही है। कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश, हरियाणा के कई इलाक़ों से कांवड़िए जल लेने हरिद्वार और दूसरी जगहों पर आते हैं और वापस अपने शहरों में पहुंचकर जलाभिषेक करते हैं।
योगी सरकार ने कहा है कि केवल कांवड़ लाने वाले लोग ही इस यात्रा में शामिल होंगे। कांवड़ संघों से अनुरोध किया गया है कि वे कांवड़ियों की यात्रा को सीमित रखें। उत्तर प्रदेश के एडीजी (क़ानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा है कि इस साल कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से 6 अगस्त के बीच चलेगी।
साल 2019 में 3.5 करोड़ कांवड़िए हरिद्वार आए थे जबकि 2 से 3 करोड़ कांवड़िए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जगहों से जल भरकर ले गए थे।
दूसरी ओर, उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा स्थगित करने का फ़ैसला काफी सोच-समझ कर लिया है। इस बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सरकार के बड़े अफ़सरों के साथ बैठक की। बैठक के बाद धामी ने कहा कि सरकार हरिद्वार को कोरोना के हॉट स्पॉट के रूप में नहीं बदलना चाहती और लोगों की जान को भी ख़तरे में नहीं डालना चाहती। उन्होंने कहा कि इसे ही ध्यान में रखते हुए सरकार ने कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फ़ैसला किया है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी मुख्यमंत्री धामी से अपील की थी कि वे कोरोना महामारी के संक्रमण को देखते हुए इस बार कांवड़ यात्रा रद्द कर दें।
दूसरी ओर, उत्तराखंड सरकार की राह पर चलते हुए ओडिशा सरकार ने कौड़िया और बोल बम नाम से चलने वाले धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा दी है। बोल बम भी कांवड़ यात्रा की ही तरह है और इसमें श्रद्धालु नदियों से पानी लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्वोत्तर के राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक वर्चुअल बैठक में कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए बुनियादी नियमों- सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने, बड़ी सभाओं से बचने और टीकाकरण सुनिश्चित करने- का पालन करने के महत्व पर जोर दिया।
मोदी ने कहा है कि बाज़ारों और पर्यटन स्थलों पर बिना मास्क लगाए लोगों की तसवीरें चिंता का कारण हैं। उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किए जाने पर भी चिंता जताई। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन ज़रूरी है।
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