उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर होटल में कथित तौर पर मारे गए व्यापारी मनीष गुप्ता के परिवार वालों से मुलाक़ात की है और उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।
मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही मृतक व्यापारी के बेटे की शिक्षा, उनके घर के किसी एक आदमी को सरकारी नौकरी देने और इस मामले को आगे की जाँच के लिए कानपुर भेजने का आश्वासन भी दिया है।
मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने मुख्यमंत्री से मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से कहा कि योगी आदित्यनाथ ने एक गार्जियन की तरह उनकी बातें सुनीं और उन्हें न्याय दिलाने का वचन दिया। मीनाक्षी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने दस लाख रुपए की राहत का भरोसा दिया है।
मीनाक्षी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने दोषी पुलिस कर्मियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाने का भी भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री के आश्वसनों से संतुष्ट हैं।
क्या कहना है पुलिस का?
उत्तर प्रदेश पुलिस का इस मामले में कहना है कि गोरखपुर के उस होटल के एक कमरे में तीन युवक संदिग्ध, अलग-अलग शहरों से आए थे। इस सूचना पर पुलिस ने होटल मैनेजर को साथ में लेकर कमरे की चेकिंग करने गई। जहाँ पर हड़बड़ाहट में एक युवक की कमरे में गिरने से चोट लग गई। दुर्घटनावश हुई इस घटना से होटल मैनेजर को साथ लेकर युवक को अस्पताल में भर्ती कराया। बीआरडी में इलाज के दौरान उस युवक की मृत्यु हो गई। पुलिस ने तत्काल परिजनों को सूचित किया।'
परिजनों का आरोप
दूसरी ओर, मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी और पिता नंद किशोर गुप्ता ने पुलिस पर बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि रात में मनीष ने उन्हें फोन कर कहा था कि होटल के कमरे में पहुँची पुलिस ने उन्हें पीटा है, जिससे वे घायल हो गए हैं।
मनीष के दोनों दोस्त प्रदीप और हरि चौहान ने बताया कि कमरे में घुसकर पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की थी। मनीष ने कहा कि हम लोग जमीन कारोबारी हैं, उसी सिलसिले में अपने मित्र चंदन के बुलावे पर यहाँ आए हुए थे।
उन्होंने यह भी कहा कि मौत की जानकारी उन्हें रात में नहीं, बल्कि सुबह दी गई।
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