योगी सरकार की यह कैसी सियासत है कि एक ओर तो वह मुज़फ़्फ़रनगर दंगों से जुड़े आपराधिक मामलों को वापस ले रही है, वहीं दूसरी ओर 34 साल पुराने सिख विरोधी दंगों की जाँच के लिए एसआईटी का गठन कर उन मुक़दमों की भी जाँच कराने के लिए कह रही है जिनमें आरोपियों को कोर्ट से राहत मिल चुकी है।