लखीमपुर खीरी में 4 किसानों सहित 8 लोगों की मौत के मामले में पीड़ित परिवारों को इंसाफ़ देने की मांग करना शायद बीजेपी सांसद वरूण गांधी को भारी पड़ गया है। गुरूवार को घोषित की गई बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में न तो वरूण गांधी को जगह मिली है और न ही उनकी मां और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को। बीजेपी के इस क़दम का और क्या मतलब समझा जाना चाहिए।
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से वरूण, मेनका बाहर; बोलने की सजा मिली?
- उत्तर प्रदेश
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- 7 Oct, 2021
क्या बीजेपी सांसद वरूण गांधी को किसानों के हक़ में बोलने की सजा मिली है? क्या बीजेपी ने वरूण और मेनका गांधी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर यही संदेश दिया है?

वरूण गांधी उत्तर प्रदेश की पीलीभीत सीट से जबकि मेनका गांधी सुल्तानपुर सीट से सांसद हैं।
वरूण गांधी लखीमपुर की घटना में मारे गए किसानों के हक़ में आवाज़ उठा रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस मामले में सख़्त से सख़्त कार्रवाई करने की मांग की थी।