अस्सी मोहल्ला की एक चाय की दुकान पर तीन घंटे से गलचौर कर रहे जयनारायण गुरू ने चाय सुड़कते हुए कहा, 'गुरु, काशी में कन्फ़्यूजिया मत, कन्फ़्यूजिअइब त फ़्यूज हो जइब', मतलब (गुरू, काशी में दुविधा में मत पड़िये। दुविधा में पड़ेंगे, तो बेकार हो जायेंगे)। उन्होंने यह बात जब जयप्रकाश गुरु से कही, तो जयप्रकाश गुरु ने उनको रगेदा। कहा, 'भांग का गोला ज़्यादे चढ़ा लेले हव का, तब्बे उड़त हव। एह बार मैदान साफ़ बा, मोदी पहिले से ज़्यादा वोट बटोरिहें, रेकार्ड बनइहें', मतलब यह कि (भांग ज़्यादा खा लिये हैं क्या, तभी बढ़-चढ़ कर बोल रहे हैं। इस बार मैदान साफ़ है, मोदी पहले से ज़्यादा वोट पायेंगे, रिकॉर्ड बनायेंगे)।