उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरूवार को दावा किया है कि हाथरस की दलित पीड़िता के विसरा की फ़ॉरेंसिक रिपोर्ट से यह पता चला है कि युवती के साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार नहीं हुआ है। जबकि सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियो में दलित युवती ने कहा था कि उसके साथ जबरदस्ती की गई, गला दबाने की कोशिश भी की गई। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा था कि सरकारी मेडिकल रिपोर्ट में लड़की के साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है।
हाथरस: यूपी पुलिस मानने को तैयार नहीं कि पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ
- उत्तर प्रदेश
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- 1 Oct, 2020
उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरूवार को दावा किया है कि हाथरस की दलित पीड़िता के विसरा की फ़ॉरेंसिक रिपोर्ट से यह पता चला है कि युवती के साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार नहीं हुआ है।

पीड़िता के परिजनों की ओर से लगातार यह आरोप लगाया जा रहा है कि उनकी बेटी को अभियुक्तों द्वारा जमकर पीटा गया, उसकी गर्दन तोड़ी गयी, कमर की हड्डी में भी चोट थी। इस बात को पीड़िता का इलाज करने वाले डॉक्टर्स ने भी स्वीकार किया था।
लेकिन बुरी तरह से पिटाई के बाद लकवाग्रस्त हो चुकी पीड़िता के शरीर पर आई गंभीर चोटों का भी जिक्र सरकारी मेडिकल रिपोर्ट में नहीं किया गया था।