नवंबर के अंतिम शनिवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के हस्ताक्षरों से 'उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2020' जारी हुआ और रविवार को ही इस अध्यादेश के अंतर्गत पहला मुक़दमा बरेली में क़ायम हुआ। एडीजी (क़ानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने इसे प्रदेश में इस अध्यादेश से जुड़ा पहला केस बताया है लेकिन इसमें कुछ पेच हैं, जिसके चलते स्थानीय पुलिस की कार्रवाई संदेहास्पद बन जाती है।