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यूपी के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने के आरोपी ने क्या आतंकवादियों से साँठगांठ कर हमले को अंजाम दिया था? उत्तर प्रदेश पुलिस ने ऐसा तो साफ़ तौर पर नहीं कहा है, लेकिन उसने उनसे संबंध होने के दावे ज़रूर किए हैं।
यूपी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा है कि गोरखनाथ मंदिर हमले का आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी प्रतिबंधित आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया यानी आईएसआईएस के लड़ाकों और हमदर्दों के संपर्क में था।
पिछले महीने एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें दिख रहा था कि यूपी के हाई प्रोफाइल गोरखनाथ मंदिर के बाहर पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया गया था। कुछ देर तक मंदिर के बाहर अफरा तफरी का माहौल रहा। वीडियो में दिख रहा था कि युवक हाथ में खंजर जैसा हथियार लिए हुए लोगों पर हमला करने के लिए दौड़ रहा था और धार्मिक नारे लगा रहा था। फिर कुछ देर में भीड़ उसको काबू कर लेती है। पुलिस ने उसकी पहचान अहमद मुर्तजा अब्बासी के रूप में की।
पुलिस ने कहा कि मुर्तजा गोरखपुर का रहने वाला है और प्रतिष्ठित आईआईटी बॉम्बे में पढ़ा था। उसने 2015 में स्नातक किया था।
घटना के बाद पुलिस ने कहा था कि इस मामले की जाँच आतंकी एंगल से भी शुरू की गई है। प्रशांत कुमार ने कहा था कि गोरखनाथ मंदिर मामले की आतंकी एंगल से भी जांच हो रही है और इसमें यूपी एटीएस, एनआईए और आईबी को लगाया गया है।
बहरहाल, एडीजी (क़ानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने रविवार को यूपी एटीएस की जाँच के तथ्यों को साझा किया। आरोपी द्वारा पुलिस पर हमले का ज़िक्र करते हुए प्रशांत कुमार ने कहा कि आरोपी की मंशा हथियार छीनकर बड़ा ऑपरेशन करने की थी।
उन्होंने कहा कि गोरखनाथ मंदिर के दक्षिणी द्वार पर एक अकेले शख्स ने घातक हमला किया और ड्यूटी पर सुरक्षा अधिकारियों की राइफल छीनने का प्रयास किया। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार प्रशांत कुमार ने कहा कि उसका इरादा हथियार छीनने के बाद एक बड़ा अभियान चलाने का था। आतंकवाद निरोधी दस्ते ने अपनी जांच के दौरान आरोपी के पास मौजूद विभिन्न उपकरणों और सोशल मीडिया हैंडल का विश्लेषण किया।
उन्होंने कहा, 'आरोपी ने अपने बैंक खातों से यूरोप और अमेरिका में विभिन्न देशों में आईएसआईएस समर्थकों से संबंधित संगठनों के माध्यम से आईएसआईएस आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए लगभग 8.5 लाख भारतीय रुपये भेजे। उसने इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न हथियार - एके 47, एम 4 कार्बाइन और अन्य मिसाइल प्रौद्योगिकी भेजी।'
आरोपी के आपराधिक रिकॉर्ड को साझा करते हुए एडीजी ने कहा, 'उसे 2014 में बेंगलुरु पुलिस ने ISIS के प्रचार कार्यकर्ता मेहदी मसरूर बिस्वास के संबंध में गिरफ्तार किया था। वह आतंकी संगठनों, कट्टरपंथी प्रचारकों और ISIS-आतंकवाद के प्रमोटरों से प्रभावित था।'
बता दें कि मंदिर के बाहर हमले के बाद आई कुछ रिपोर्टों से संकेत मिले थे कि आरोपी डिप्रेशन में था। 'नव भारत टाइम्स' की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षाबलों ने जब मुर्तजा को पकड़ा तो वह बार-बार एक ही चीज दोहरा रहा था कि वह चाहता है कि कोई उसे गोली मार दे। रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल में भर्ती होने से पहले उसने बताया था कि उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई, उसकी नौकरी छूट गई, इससे वह डिप्रेशन में है और कई रातों से वह सो नहीं पाया है।
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