जनता के वोटों से चुनी गई सरकार का क्या धर्म होता है। संविधान कहता है- जनता का कल्याण करना किसी भी जनप्रतिनिधि का पहला दायित्व है और इसमें जाति, भाषा, धर्म और क्षेत्र का कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता। मंत्री पद की शपथ लेते वक़्त यही पढ़ा जाता है - ‘मैं संघ के मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूँगा तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना, सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूँगा।’