क्या कुछ क्षेत्रों में काम का दबाव इस हद तक है कि कर्मचारी आत्महत्या करने तक मजबूर हो जा रहे हैं? उत्तर प्रदेश के झांसी में एक फाइनेंस मैनेजर की आत्महत्या ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। हाल के दिनों में एक के बाद एक काम के दबाव में मौत की कई ख़बरें आई हैं और झांसी का मामला भी उनमें से एक है।
फाइनेंस मैनेजर ने आत्महत्या नोट में लिखा- काम के दबाव में 45 दिन से सोया नहीं
- उत्तर प्रदेश
- |
- 29 Mar, 2025
काम के दबाव में मौत को लेकर देशभर में बहस तब तेज हो गई है जब कुछ दिन पहले 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत हो गई थी। अब यूपी के झाँसी में भी ऐसा ही कुछ मामला सामने आया है।

मामला 42 वर्षीय तरुण सक्सेना की आत्महत्या का है। तरुण को आज सुबह घर के नौकर ने मृत पाया। उन्होंने अपनी पत्नी और दो बच्चों को दूसरे कमरे में बंद कर दिया था। उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी मेघा और बच्चे- यथार्थ और पीहू हैं। तरुण सक्सेना ने एक नोट में कहा है कि पिछले दो महीनों से उनके वरिष्ठ अधिकारी उन पर टारगेट पूरा करने का दबाव बना रहे थे और वेतन कटौती की धमकी दे रहे थे। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार तरुण बजाज फाइनेंस में एरिया मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। बजाज फाइनेंस ने अभी तक आरोपों का जवाब नहीं दिया है।