कोटा क्यों?
बता दें कि कोटा इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी का केंद्र है, जहाँ हज़ारों छात्र अलग-अलग कोचिंग संस्थानों में कोचिंग लेकर इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। यहां उत्तर प्रदेश ही नहीं, पूरे देश के लगभग हर प्रदेश के छात्र कोचिंग करने आते हैं।As the UP govt called back students of UP living in #Kota #Rajasthan, it can also be done for students from other states. Students in Kota can be sent to their home states on the consent of the concerned state govt so that these young boys & girls do not panic or feel depressed.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 17, 2020
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'जिस तरह छात्रों को लाने के लिए कोटा बसें भेजी जा रही हैं, वह लॉकडाउन के सिद्धान्त का उल्लंघन है।'
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
याद दिला दें कि आदित्यनाथ सरकार ने इसके पहले कुछ बसें चला कर नोयडा, ग़ाजियाबाद और दिल्ली में फँसे अपने प्रवासी मज़दूरों को निकाला था। लेकिन बाद में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को संक्रमण फैलने की बात कह कर ऐसा करने से रोका था। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अगले दिन बस नहीं चलाईं।
लॉकडाउन
याद दिला दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से 21 दिनों के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगाने का एलान किया था। इसे बाद में 3 मई तक बढ़ा दिया गया। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया।लॉकडाउन के दौरान हर तरह का परिवहन बंद कर दिया गया है। भारतीय रेल ने ट्रेनें बंद कर दीं, सभी हवाई कंपनियों ने अपने जहाज़ उतार दिए, सभी बसें बंद कर दी गईं। सार्वजनिक परिवहन ही नहीं, निजी परिवहन पर भी रोक लगा दी गई है।
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