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Uttar Pradesh | A criminal identified as Mo. Gufran has been killed in an encounter with UP STF near the Samda sugar mill of Manjhanpur, Kaushambi. He was carrying a reward of Rs 1,25,000: SP Kaushambi Brijesh Srivastava pic.twitter.com/iUdihy1yCe
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 27, 2023
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 24 फरवरी को तमाम एनकाउंटरों को फर्जी बताते हुए पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि सपा सरकार आने पर तमाम अफसरों को जेल जाना पड़ेगा। दूसरी तरफ जाति विशेष के कथित अपराधियों को बचाने का आरोप भी लग रहा है।
समुदाय विशेष के एनकाउंटर का आरोपः अखिलेश के बयान के बावजूद यूपी में एनकाउंटरों का सिलसिला जारी है। 2020 में यूपी पुलिस ने बयान देकर स्वीकार किया था कि जिन कथित अपराधियों को उसने एनकाउंटर में मार गिराया, उसमें 37 फीसदी मुसलमान थे। यूपी पुलिस की सफाई दरअसल कानपुर के विकास दूबे एनकाउंटर के बाद आई थी। विकास दूबे एनकाउंटर के बाद बीजेपी के ब्राह्मण नेता नाराज हो गए थे और उन्होंने कथित तौर पर आरोप लगाया था कि योगी आदित्यनाथ की पुलिस सिर्फ ब्राह्मणों का एनकाउंटर कर रही है। उस समय स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का नाम ठाकुर टास्क फोर्स लिया जाने लगा था। सुल्तानपुर में लंभुआ के बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी ने उस समय धमकी दी थी कि वो ब्राह्मणों को एनकाउंटर में मारे जाने का मामला विधानसभा में उठाएंगे। उसके बाद योगी सरकार की पुलिस ने आंकड़े जारी किए थे, जिसमें सबसे ज्यादा मुस्लिम लोगों को बतौर अपराधी मारे जाने की बात कही गई थी।
इंडियन एक्सप्रेस की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी पुलिस ने अपने बयान में उस समय 42 महीनों का आंकड़ा दिया था। यानी 2017 से योगी के सत्ता में आने के बाद से एनकाउंटर शुरू हो गए थे। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक 2020 में यूपी पुलिस ने एक बयान में कहा कि पिछले 42 महीनों के दौरान पुलिस के साथ एनकाउंटर में लगभग 124 अपराधियों को मार गिराया गया है। पुलिस ने खुलासा किया कि मुठभेड़ों में मारे गए कथित अपराधियों में 47 मुस्लिम, 11 ब्राह्मण, आठ यादव और 58 अन्य थे। अन्य में पिछड़े और दलित शामिल हैं।
आंकड़ों के अनुसार, 2017-18 में, योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले वर्ष के दौरान, 45 लोग पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए, जिनमें से 16 मुस्लिम थे। इनमें से ज्यादातर एनकाउंटर पश्चिमी यूपी के शामली, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिलों में हुए। इन आंकड़ों के सामने आने के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था - योगी आदित्यनाथ के शासन में मुसलमानों को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। ओवैसी ने इस बयान को हाल ही में भी दोहराया था।
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