कांग्रेस की कोशिश उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में मजबूत ढंग से उतरने की है। हालांकि अभी तक पार्टी के साथ कोई सहयोगी दल इस प्रदेश में नहीं है और बीते कई चुनावों में उसका प्रदर्शन बेहद ख़राब रहा है लेकिन बावजूद इसके वह दम-ख़म से चुनाव लड़ने में पीछे नहीं रहना चाहती। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि पार्टी 19 अगस्त से प्रदेश भर में बड़े पैमाने पर जनसंपर्क करेगी।
लल्लू ने कहा कि जनसंपर्क अभियान के तहत तीन दिनों में 90 लाख लोगों से सीधा संपर्क किया जाएगा और यह अभियान पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निर्देश पर शुरू किया जा रहा है। इस अभियान को ‘जय भारत महासंपर्क अभियान’ का नाम दिया गया है।
लल्लू ने कहा कि इस दौरान राज्य के 30 हज़ार गांवों, वार्डों तक कांग्रेस के कार्यकर्ता पहुंचेंगे और वहां तीन दिन तक प्रवास भी करेंगे।
चुनाव समिति को हरी झंडी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश चुनाव की तैयारियों को तेज़ करते हुए राज्य में चुनाव समिति को फ़ाइनल कर दिया है। इसमें अजय कुमार लल्लू के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, राजीव शुक्ला, आरपीएन सिंह, पूर्व अध्यक्ष निर्मल खत्री, वरिष्ठ नेता पीएल पूनिया, विवेक बंसल, बेगम नूर बानो, राशिद अल्वी, नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी, आचार्य प्रमोद कृष्णम सहित कई नेताओं के नाम शामिल हैं।
इस समिति में 38 सदस्य शामिल हैं, जिनमें एआईसीसी के कई विभागों और फ्रंटल संगठनों से जुड़े पदाधिकारी सहित तमाम वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
'भाजपा गद्दी छोड़ो' का नारा
बीते सोवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने महंगाई, बेरोज़गारी, क़ानून व्यवस्था, किसानों की समस्याओं, महिला अपराध और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर 2 दिन तक पदयात्रा निकाली थी और 'भाजपा गद्दी छोड़ो' का नारा दिया था। पदयात्रा में कांग्रेस की प्रदेश, जिला, ब्लॉक व शहर इकाइयों ने पूरी ताक़त झोंक दी थी। निश्चित रूप से उत्तर प्रदेश के इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सियासी भविष्य दांव पर है।
कांग्रेस ने प्रदेश के सभी ब्लॉक से लेकर न्याय पंचायतों तक कमेटी का गठन कर दिया है और पार्टी ने पूरी तरह चुनाव में उतरने की तैयारी कर ली है। अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में पार्टी पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस ‘किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश’ के नारे के साथ चुनावी बिगुल भी फूंकने जा रही है। इस नारे के जरिये वह योगी सरकार की विफलताओं के बारे में जनता को बताएगी। इसके लिए पार्टी पूरे प्रदेश में प्रशिक्षण कैंप लगाएगी।
बदतर हुई हालत
आज़ादी के बाद लंबे वक़्त तक उत्तर प्रदेश में एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस पिछले तीस साल से सत्ता से बाहर है। हालात इस क़दर ख़राब हैं कि पिछले विधानसभा चुनाव में एसपी के साथ गठबंधन करने के बाद भी कांग्रेस सिर्फ़ 7 सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी। लोकसभा चुनाव 2019 में राहुल गांधी अमेठी जैसी गांधी परिवार की परंपरागत सीट से चुनाव हार गए थे।
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