loader

बंगाल के बैन के बाद यूपी ने कहा- 'द केरल स्टोरी' टैक्स-फ्री होगी

पश्चिम बंगाल सरकार के बाद अब यूपी सरकार ने द केरल स्टोरी फिल्म पर बड़ा फैसला लिया है। हालाँकि दोनों सरकार के फैसले एक दूसरे के विरोधी हैं। बंगाल की ममता सरकार ने जहाँ इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी वहीं यूपी की योगी सरकार ने इस फ़िल्म को बढ़ावा देने के लिए टैक्स-फ्री कर दिया है। इसका मतलब है कि फ़िल्म देखने वालों को मनोरंजन कर नहीं देना पड़ेगा।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया कि 'द केरल स्टोरी' को उत्तर प्रदेश में कर मुक्त किया जाएगा। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ एक विशेष स्क्रीनिंग में फिल्म देख सकते हैं।

द केरल स्टोरी केरल में कथित धार्मिक शिक्षा के इर्द-गिर्द केंद्रित है। फिल्म में दावा किया गया है कि कैसे कट्टरपंथी इस्लामिक मौलवियों द्वारा हिंदू और ईसाई महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। फिल्म का दावा है कि इन महिलाओं को इस्लाम में धर्मांतरित किया गया और बाद में इस्लाम के लिए लड़ने के लिए अफगानिस्तान, यमन और सीरिया जैसे देशों में भेजा गया।

एक दिन पहले सोमवार को इस फ़िल्म पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते हुए पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी ने कहा है कि यह निर्णय 'बंगाल में शांति बनाए रखने' और घृणा अपराध और हिंसा की किसी भी घटना से बचने के लिए लिया गया है। हालाँकि, ममता बनर्जी के इस दावे की बीजेपी ने आलोचना की है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सत्तारूढ़ टीएमसी सरकार के क़दम की निंदा की और दावा किया कि ममता बनर्जी 'वास्तविकता से अपनी आँखें मूंद लेना' चाहती हैं।

ताज़ा ख़बरें

बीजेपी नेता ने कहा, "सीएम ममता बनर्जी ने फिल्म 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगा दिया है। आश्चर्य की कोई बात नहीं, यह उससे अपेक्षित था। यह सच्ची कहानियों पर आधारित है और दिखाता है कि कैसे इस्लामवादी हिंदू लड़कियों को लव जिहाद में फंसाते हैं और बाद में आईएसआईएस आतंकवादी बनने के लिए भेजते हैं। दीदी हकीकत से आंखें मूंद लेना चाहती हैं।" बीजेपी नेता ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल के लोगों, विशेषकर, महिलाओं को इस कठोर वास्तविकता से वंचित करना चाहती हैं। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में लव जिहाद के मामले आम हैं। 

यूपी सरकार से पहले बीजेपी के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार ने भी फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया था।

निर्णय की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि फिल्म 'लव जिहाद, धर्म परिवर्तन और आतंकवाद की साजिश को उजागर करती है और उसके घृणित चेहरे को सामने लाती है'। देश भर के भाजपा नेताओं ने राज्य सरकारों से, विशेषकर गैर-भाजपा शासित राज्यों में, 'द केरल स्टोरी' को कर-मुक्त दर्जा देने का आग्रह किया है।

इससे पहले तमिलनाडु के मल्टीप्लेक्सों ने कानून और व्यवस्था के मुद्दों और खराब सार्वजनिक प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए रविवार से विवादास्पद फिल्म की स्क्रीनिंग रद्द कर दी थी।

केरल में सत्तारूढ़ सीपीआई (एम) और विपक्षी कांग्रेस के अनुसार, फिल्म में झूठा दावा किया गया है कि 32,000 महिलाओं का धर्मांतरण और कट्टरपंथीकरण किया गया और उन्हें भारत व दुनिया भर में आतंकवादी मिशनों में तैनात किया गया।

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

इधर, द केरल स्टोरी पर प्रतिबंध लगाने के पश्चिम बंगाल सरकार के फ़ैसले के ख़िलाफ़ फ़िल्म निर्माता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने प्रतिबंध को हटाने की मांग की है। द केरल स्टोरी के पश्चिम बंगाल में प्रतिबंधित होने पर प्रतिक्रिया देते हुए फिल्म के निर्माता विपुल शाह ने सोमवार को कहा था, 'अगर उन्होंने (ममता सरकार ने) ऐसा किया है तो हम कानूनी कार्रवाई करेंगे। कानून के प्रावधानों के तहत जो भी संभव होगा, हम लड़ेंगे।'

उधर, केरल हाई कोर्ट के फिल्म पर बैन लगाने से इनकार करने वाले फैसले के खिलाफ अब याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मांग की है कि जल्द से जल्द इस मामले को सुना जाए। इसपर चीफ जस्टिस ने 15 मई को सुनवाई की बात कही है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें