अफ़ग़ानिस्तान में 'तालिबान की बर्बरता' है, लेकिन अगले कुछ महीने में चुनाव का सामना करने वाले यूपी के देवबंद शहर में एटीएस सेंटर खोलने का फ़ैसला किया गया है। एटीएस यानी एंटी टेररिस्ट स्क्वाड। सरकार से जुड़े लोगों का कहना है कि एटीएस सेंटर के लिए 'युद्ध स्तर पर तैयारियाँ' शुरू हो गई हैं। आख़िर इतनी तेज़ी क्यों है? अफ़ग़ानिस्तान में ताज़ा घटनाक्रम को लेकर केंद्र में भी ऐसी तेज़ी की ख़बरें नहीं हैं तो यूपी में आख़िर ऐसा क्या हो गया?
इस सवाल का जवाब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी के ट्वीट से भी मिल सकता है। उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्जे और देवबंद में एटीएस सेंटर में संबंध जोड़ने की कोशिश की है।
देवबंद में यूपी ATS की यूनिट अभी खुली भी नहीं कि इसी बीच आतंकियों के पैरोकारों और उनके मुकदमे वापस लेने वालों के पेट में भीषण दर्द शुरू हो गया है। https://t.co/mqpJVzjl0o pic.twitter.com/2KQbbrg7yi
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) August 17, 2021
इनके ट्वीट से ऊपरी तौर पर कुछ भी मतलब निकलता हो, लेकिन चुनाव से पहले इसका जो संदेश देने की कोशिश की गई है, उसे पहचानना उतना मुश्किल नहीं है। एक अन्य ट्वीट में शलभ मणि त्रिपाठी ने लिखा भी है, 'देवबंद में यूपी ATS की यूनिट अभी खुली भी नहीं कि इसी बीच आतंकियों के पैरोकारों और उनके मुकदमे वापस लेने वालों के पेट में भीषण दर्द शुरू हो गया है।'
सहारनपुर का शहर देवबंद इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम देवबंद के लिए प्रसिद्ध है। दारुल उलूम देवबन्द ने वेबसाइट पर लिखा है कि दारुल उलूम देवबन्द केवल इस्लामी विश्वविद्यालय ही नहीं एक विचारधारा है जो अंधविश्वास, कूरीतियों व आडम्बरों के विरूद्ध इस्लाम को इसके मूल और शुद्ध रूप में प्रसारित करता है। यह मदरसा मुख्य रूप से उच्च अरबी व इस्लामी शिक्षा का केंद्र बिन्दु है। दारुल उलूम देवबन्द की आधारशिला 30 मई 1866 में हाजी आबिद हुसैन व मौलाना क़ासिम नानौतवी द्वारा रखी गयी थी।
यह देवबंद अक्सर दक्षिणपंथियों के निशाने पर रहा है और उनके द्वारा इसकी आलोचना की जाती रही है।
एक रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने कहा है कि एटीएस की देवबंद इकाई के लिए क़रीब 2,000 वर्ग मीटर ज़मीन का अधिग्रहण किया गया है, और यह लखनऊ में मौजूदा एटीएस केंद्र के अलावा कई योजनाओं में से एक है। अधिकारी ने ही कहा है कि ऑपरेशन की दृष्टि से यह स्थान महत्वपूर्ण और संवेदनशील है।
यूपी एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने एक बयान जारी कर कहा है, 'एटीएस और स्पेशल टास्क फोर्स को और मज़बूत करने और उन्हें और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, यूपी सरकार प्रयास कर रही है और आवश्यक अनुदान प्रदान किया जा रहा है... एटीएस द्वारा मेरठ, भारत-नेपाल सीमा, बहराइच, श्रावस्ती, आगामी जेवर हवाई अड्डा, सहारनपुर में देवबंद सहित कई अन्य स्थानों पर भूमि की पहचान की गई है और अधिग्रहण किया गया है। ऑपरेशन की दृष्टि से ये स्थान महत्वपूर्ण और संवेदनशील हैं।'
उन्होंने कहा, 'देवबंद उत्तरांचल और हरियाणा सीमा पर है और यह राज्य के पश्चिमी हिस्सों में हमारी पहुँच, उपस्थिति और संचालन दक्षता बढ़ाने में हमारी मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।' 'द इंडियन एक्सप्रेस' से बातचीत में एडीजी ने कहा कि देवबंद 'हर कोण से एक रणनीतिक स्थान' है, और एक संभावित निशाना है। उन्होंने कहा, 'देवबंद में यूनिट शुरू करने का फ़ैसला न तो किसी को चिढ़ाने और न ही किसी को परेशान करने के लिए है'।
डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा कि वे पश्चिमी यूपी में एटीएस की कुछ उपस्थिति चाहते थे क्योंकि यह लखनऊ से बहुत दूर है, और देवबंद को इसलिए चुना गया क्योंकि वहां जमीन उपलब्ध थी।
रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी ने भी देवबंद में एटीएस सेंटर खोले जाने के फ़ैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह दूरदृष्टि वाला फ़ैसला है।
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