उत्तर प्रदेश आतंक निरोधी दस्ते यानी एंटी टेरर स्क्वैड (एटीएस) ने ग़ैरक़ानूनी तरीके से धर्म परविर्तन के आरोप में गिरफ़्तार आठ लोगों के ख़िलाफ़ राज्य के विरुद्ध युद्ध छेड़ने का आरोप लगा दिया है। उनके ख़िलाफ़ इससे जुड़ी धाराएँ लगा दी गई हैं और जाँच शुरू कर दी गई है।
लखनऊ की एक अदालत ने यूपी एटीएस के आवेदन को स्वीकार कर लिया है। गिरफ़्तार लोगों के ख़िलाफ़ धारा 121 (राज्य के विरुद्ध युद्ध) और धारा 123 ( राज्य के विरुद्ध युद्ध की मंशा को छिपाना) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
यूपी एटीएस की इस कार्रवाई पर उसकी मंशा पर सवाल उठने लगा है। राज्य के विरुद्ध युद्ध छेड़ने का आरोप तब लगाया जाता है जब हथियारबंद तरीके से शासन व्यवस्था को उखाड़ फेंकने की साजिश रची जाती है और सशस्त्र विद्रोह किया जाता है या इसकी कोशिश की जाती है।
एनआईए सक्रिय
बता दें कि जून महीने में राष्ट्रीय जाँच एजेन्सी (एनआईए) ने मुहम्मद उमर गौतम और मुफ़्ती क़ाज़ी जहांगीर आलम क़ासमी को दिल्ली से गिरफ़्तार किया था।
एनआईए ने ग़ैरक़ानूनी तरीके से धर्म परिवतर्न कराने के बहुत बड़े गोरखधंधे का पर्दाफाश करने का दावा किया था। उसने कहा था कि ये दोनों संदिग्ध हज़ारों लोगों के धर्म परिवर्तन के पीछे थे।
एनआईए ने बाद में और आठ लोगों को गिरफ़्तार किया था और दावा किया था कि इसलामिक दावा सेंटर के बैनर तले लोगों को ग़लत तरीके से धर्म परिवर्तन कराया गया था।
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यह कहा गया था कि ये लोग बच्चों, महिलाओं, अपाहिजों और बेरोज़गारों को अच्छी शिक्षा, रोज़गार, शादी और पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराते थे।
इन 10 अभियुक्तों में से महाराष्ट्र से चार, दिल्ली से दो के अलावा हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश और झारखंड से एक-एक आदमी थे।
यूपी एटीएस का दावा है कि उसने इन सभी अभियुक्तों के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत एकत्रित कर लिए हैं। ये सबूत धारा 121 और धारा 123 के मुताबिक काफी हैं।
उसने अदालत में केस डायरी भी पेश कर दी है।
इस मामले में अगली सुनवाई 14 सितंबर को होगी।
पुलिस का दावा
याद दिला दें कि यूपी एटीएस ने जून में दावा किया था कि यह गिरोह एक हज़ार से ज़्यादा लोगों का धर्मांतरण करा चुका है। पुलिस ने धर्मांतरण में विदेश से फंडिंग की बात भी कही है।
पुलिस का कहना था कि अभियुक्तों ने उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में धर्म परिवर्तन कराया है। इनमें कानपुर, मथुरा, नोएडा और वाराणसी सहित कई ज़िले शामिल हैं।
'इंडिया टुडे' की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया था कि वे हर साल क़रीब 250-300 लोगों का धर्मांतरण कराते थे।
ग़ैरक़ानूनी धर्म परिवर्तन
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि कानपुर के कल्याणपुर में रहने वाले एक दंपति के मूक-बधिर बेटे का धर्म परिवर्तन कर दक्षिण भारत भेज दिया गया, लोगों को धर्मांतरण के बदले पैसे और नौकरी देने का वादा किया गया था।
यूपी एटीएस का कहना है कि वह इस गिरोह पर पहले से ही नज़र रख रही थी। 'लोकमत न्यूज़' की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस जाँच में अभियुक्तों ने पूछताछ में कबूल किया था कि वे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से पैसे लेकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराते थे।
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