यूपी के उन्नाव में दबंगों द्वारा जिंदा जलाई गई बलात्कार पीड़िता ने शुक्रवार रात को दम तोड़ दिया। पीड़िता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में अंतिम सांस ली। अस्पताल के एचओडी (बर्न एंड प्लास्टिक) डॉ. सलभ कुमार ने बताया कि शुक्रवार रात को 11:10 पर पीड़िता को दिल का दौरा पड़ा। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने पीड़िता को बचाने की कोशिश की लेकिन 11:40 पर उसने दम तोड़ दिया।
उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता को बृहस्पतिवार सुबह 5 दबंगों ने पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था। पीड़िता की हालत बेहद गंभीर भी और बताया गया था कि वह 90 फ़ीसदी जल गई थी। पीड़िता के साथ दो लोगों ने पिछले साल दिसंबर में सामूहिक बलात्कार किया था और ये लोग पीड़िता को जलाने वालों में भी शामिल थे।
जीना चाहती थी पीड़िता
पीड़िता के भाई ने अंग्रेजी न्यूज़ चैनल इंडिया टुडे को बताया कि मरने से पहले उसकी बहन ने कहा था कि वह जीना चाहती है। भाई ने बताया, ‘उसने कहा कि भैया मुझे बचा लो, मुझे मरना नहीं है, जिन्होंने मेरे साथ ये किया है, उन्हें मैं मौत की सजा पाते देखना चाहती हूँ।’ पीड़िता के भाई ने कहा कि पाँचों अभियुक्तों को मौत की सजा मिलनी चाहिए।
उन्नाव कांड की पीड़िता के पिता ने न्यूज़ चैनल आज तक से कहा है कि जैसा हैदराबाद में दिशा के साथ हत्या-बलात्कार करने वाले अभियुक्तों के साथ हुआ है, वैसा ही उनकी बेटी के अभियुक्तों के साथ होना चाहिए या उन्हें फांसी दी जाए। दिशा के अभियुक्तों को हैदराबाद पुलिस ने शुक्रवार तड़के एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया था।
जलाए जाने के बाद चली थी 1 किमी. पैदल
पीड़िता ने न्यूज़ चैनल आज तक को बताया था कि दबंगों द्वारा जलाए जाने के बाद वह एक किमी. तक पैदल चली और उसने एक घर के बाहर काम कर रहे एक आदमी से मदद माँगी। इसके बाद पीड़िता ने 112 नंबर पर कॉल की थी और पुलिस को घटना की सूचना दी थी। इसके बाद ही पीआरवी और एंबुलेंस मौक़े पर पहुंचीं थी। पीड़िता ने मजिस्ट्रेट को बयान दिया था। बयान में पीड़िता ने उसे जलाने वाले पाँचों लोगों के नाम भी बताए थे। पीड़िता ने बताया था कि पाँचों लोगों ने उसे पीटा, चाकू घोंपा और फिर जिंदा जला दिया। अभियुक्तों के नाम हरिशंकर त्रिवेदी, राम किशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी, शिवम और शुभम त्रिवेदी हैं।
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