उत्तर प्रदेश के उन्नाव में खेत में मिली दो नाबालिग लड़कियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद राज्य की पुलिस ने कहा है कि उनके शरीर पर किसी भी तरह की चोट के निशान नहीं मिले हैं। दोनों लड़कियों में से एक की उम्र 13 और दूसरी की उम्र 16 साल थी। पुलिस ने कहा कि ऐसा लगता है कि दोनों लड़कियों की मौत ज़हर खाने से हुई है। तीसरी लड़की की हालत गंभीर है और वह जान बचाने की लड़ाई लड़ रही है।
इस मामले में परिवार के लोगों की शिकायत पर अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और धारा 201(सबूतों को ख़त्म करना) के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अफ़सरों ने कहा है कि यौन उत्पीड़न का भी कोई सबूत नहीं मिला है और पुलिस ऑनर किलिंग आत्महत्या या बाक़ी एंगल से भी जांच कर रही है।
यह घटना थाना असोहा क्षेत्रांतर्गत ग्राम बबुरहा में हुई है। उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि डॉक्टर्स के जिस पैनल ने लड़कियों का पोस्टमार्टम किया है, उसने लड़कियों के शरीर पर किसी तरह की चोट न होने की बात कही है। हालांकि मौत का सही कारण पता नहीं चला है और लड़कियों के विसरे को परीक्षण के लिए भेजा गया है।
ज़हर की आशंका
मामले की जांच से जुड़े एक अफ़सर ने भी ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में यौन हमले, गला दबाए जाने की संभावना से इनकार किया और कहा कि लड़कियों के शरीर में कहीं पर भी चोट के निशान नहीं मिले हैं। हालांकि तीखी गंध वाला पदार्थ जरूर मिला है और डॉक्टर्स को शंका है कि यह कोई ज़हरीला पदार्थ हो सकता है।
उन्नाव के एसपी आनंद कुलकर्णी ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि अगर लड़कियों को बांधा गया होता तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ चोट ज़रूर सामने आती। परिवार के लोगों ने भी कहा है कि लड़कियों को बांधा नहीं गया था बल्कि उनके गले के चारों ओर चुन्नी लिपटी हुई हुई थी।
यह घटना बुधवार शाम की है। परिवार के लोगों का कहना है कि तीनों घास लेने गई थीं। लड़कियों के भाई ने कहा था कि उनके हाथ और पांव बधे हुए थे। एक लड़की की मां ने कहा है कि उनके हाथ-पैर नहीं बंधे थे।
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