loader

गोरखनाथ मंदिर पर हमले के आरोपी को विशेष अदालत ने दी मौत की सजा 

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने पिछले साल अप्रैल में गोरखनाथ मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर हमले के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को मौत की सजा सुनाई। इंडिया टुडे की खबर के अनुसार एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया कि आरोपी को आईपीसी की धारा 121 के तहत मौत की सजा सुनाई गई है, जबकि एक पुलिसकर्मी पर हमला करने के आरोप में धारा 307 के तहत आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई थी।
आरोपी ने गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में तैनात उत्तर प्रदेश प्रांतीय सशस्त्र पुलिसकर्मियों पर हमला किया था। जिसे हमले के बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था। केमिकल इंजीनियर अहमद मुर्तजा अब्बासी से पूछताछ में उसके संबंध आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से होने का खुलासा हुआ था। उसने आईएस के लिए लड़ाई लड़ने की शपथ ली थी और वह आतंकवादी संगठन के समर्थकों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा था।
गोरखपुर के सिविल लाइंस इलाके के निवासी अहमद मुर्तजा अब्बासी ने आईआईटी मुंबई से 2015 में केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद उसने दो प्रमुख कंपनियों के साथ काम किया।
पिछले साल अप्रैल में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें दिख रहा था कि यूपी के हाई प्रोफाइल गोरखनाथ मंदिर के बाहर पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया गया था। कुछ देर तक मंदिर के बाहर अफरा तफरी का माहौल रहा। वीडियो में दिख रहा था कि युवक हाथ में खंजर जैसा हथियार लिए हुए लोगों पर हमला करने के लिए दौड़ रहा था और धार्मिक नारे लगा रहा था। फिर कुछ देर में भीड़ उसको काबू कर लेती है। पुलिस ने उसकी पहचान अहमद मुर्तजा अब्बासी के रूप में की। 
गोरखनाथ मंदिर के दक्षिणी द्वार पर एक अकेले शख्स ने घातक हमला किया और ड्यूटी पर सुरक्षा अधिकारियों की राइफल छीनने का प्रयास किया। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार प्रशांत कुमार ने कहा कि उसका इरादा हथियार छीनने के बाद एक बड़ा अभियान चलाने का था। आतंकवाद निरोधी दस्ते ने अपनी जांच के दौरान आरोपी के पास मौजूद विभिन्न उपकरणों और सोशल मीडिया हैंडल का विश्लेषण किया।
आरोपी ने अपने बैंक खातों से यूरोप और अमेरिका में विभिन्न देशों में आईएसआईएस समर्थकों से संबंधित संगठनों के माध्यम से आईएसआईएस आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए लगभग 8.5 लाख भारतीय रुपये भेजे। उसने इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न हथियार - एके 47, एम 4 कार्बाइन और अन्य मिसाइल प्रौद्योगिकी भेजी।'
मुर्तजा को 2014 में बेंगलुरु पुलिस ने ISIS के प्रचार कार्यकर्ता मेहदी मसरूर बिस्वास के संबंध में गिरफ्तार किया था। वह आतंकी संगठनों, कट्टरपंथी प्रचारकों और ISIS-आतंकवाद के प्रमोटरों से प्रभावित था।'
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें