loader

यूपीः सपा ने 11 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे, लेकिन बसपा सांसद का नाम क्यों

समाजवादी पार्टी (सपा) ने सोमवार को उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 11 उम्मीदवारों की सूची जारी की। अखिलेश यादव की पार्टी ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को गाजीपुर से और हरेंद्र मलिक को मुजफ्फरनगर से मैदान में उतारा है। इस महीने की शुरुआत में पार्टी ने राज्य की 16 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। इस सूची में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का नाम भी शामिल है, जो मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ेंगी। इस तरह सपा ने अभी तक 27 लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा यूपी के लिए कर दी है। 

कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे को लेकर चल रही बातचीत के बीच सपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी की है। समाजवादी पार्टी की पहली सूची में 11 ओबीसी उम्मीदवार शामिल हैं: एक मुस्लिम, एक दलित, एक ठाकुर, एक टंडन और एक खत्री। 11 ओबीसी उम्मीदवारों में चार कुर्मी, तीन यादव, दो शाक्य, एक निषाद और एक पाल शामिल हैं। हालांकि सपा ने राज्यसभा के लिए भी तीन प्रत्याशी घोषित किए, उसमें कोई मुस्लिम चेहरा नहीं था और दो कायस्थों को पार्टी ने टिकट दिया। जया बच्चन के नाम पर खासे विवाद के बावजूद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में फिर से भेजने का फैसला किया है।

ताजा ख़बरें
सपा की सूची में सबसे चौंकाने वाला नाम बसपा सांसद अफजाल अंसारी का है। वो बाहुबली मुख्तार अंसारी के सगे भाई हैं। पिछले साल एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने और चार साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद अफजाल अंसारी को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। 29 अप्रैल, 2023 को मुख्तार अंसारी को 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय के अपहरण और हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था।

अफजाल अंसारी पहले ही बसपा को अलविदा कह चुके हैं। लेकिन सपा ने उनका नाम अपनी सूची में क्यों डाला यह सवाल ज्यादा महत्वपूर्ण है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव सलीम शेरवानी ने रविवार को पद से इस्तीफा देते हुए पार्टी में मुसलमानों की स्थिति को लेकर सवाल उठाए। उनका कहना था कि पार्टी मुसलमानों की उपेक्षा कर रही है। समझा जाता है कि सलीम शेरवानी के प्रभाव को खत्म करने के लिए अखिलेश ने अफजाल अंसारी का नाम सूची में शामिल किया। क्योंकि मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी बसपा और सपा में आते-जाते रहे हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति के हिसाब से दोनों भाई बसपा-सपा के लिए महत्वपूर्ण बने रहे हैं।
सपा की इस सूची में मुजफ्फरनगर से हरेंद्र मलिक का नाम कम महत्वपूर्ण नहीं है। इससे पहले समझौते के तहत सपा यह सीट जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी को देती रही है। लेकिन आरएलडी अब एनडीए गठबंधन में चली गई और भाजपा से हाथ मिला लिया है। हरेंद्र मलिक को प्रत्याशी बनाकर अखिलेश ने कई निशाने साधने की कोशिश की है। जाट बहुल मुजफ्फरनगर से सपा ने जाट प्रत्याशी ही उतारा है। दूसरी तरफ भाजपा यह सीट आरएलडी के लिए छोड़ेगी तो आरएलडी भी जाट प्रत्याशी ही उतारेगी। हरेंद्र मलिक किसान नेता भी रहे हैं। ऐसे में अखिलेश ने मुजफ्फरनगर सीट पर पूरा दिमाग लगाया है।
उत्तर प्रदेश से और खबरें
इन सारे हालात में अखिलेश की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। सलीम शेरवानी का जिक्र ऊपर हो ही चुका है। सपा विधायक पल्लवी पटेल भी पार्टी के खिलाफ लगातार बोल रही हैं। उनका मुद्दा भी वही है कि पार्टी अल्पसंख्यकों और पिछड़ों के मुद्दों से पीछे हट रही है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी द्वारा उनके बयानों को स्वीकार करने से इनकार करने का हवाला देते हुए पिछले मंगलवार को राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य अब अपनी अलग पार्टी बनाने की राह पर हैं, हालांकि आधिकारिक घोषणा बाकी है। इसी तरह पद की महत्वहीनता और जवाबदेही की कमी का हवाला देते हुए दलित नेता कमलकांत गौतम ने शुक्रवार को सपा राज्य सचिव पद से इस्तीफा दे दिया।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें