यूपी पुलिस ने कहा कि उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर जिले में मंगलवार रात को एक मसजिद पर भगवा झंडा लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद महाराष्ट्र में साम्प्रदायिक तनाव की घटनाएं हुईं हैं। इसके बाद अब यूपी से सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें आ रही हैं। जिनमें पुलिस ने शाहजहांपुर जिले की घटना की पुष्टि की है।
शाहजहांपुर की घटना रामचन्द्र मिशन थाना क्षेत्र के लालबाग इलाके में घटी। गिरफ्तार तीनों आरोपियों की पहचान अंकित कठेरिया, रोहित जोशी और रोहित सक्सेना के रूप में हुई है, जिनकी उम्र 20 साल है। पुलिस ने कहा कि उनका सहयोगी पंकज सक्सेना फरार है।
रामचन्द्र मिशन थाना प्रभारी सीपी शुक्ला ने बताया, ''घटना रात करीब आठ बजे की है. ये तीनों लोग एक मस्जिद के ऊपर चढ़ गए और वहां उन्होंने भगवा झंडा लगा दिया जिस पर जय श्री राम लिखा हुआ था।''
पुलिस अधिकारी के मुताबिक “स्थानीय निवासी फैज़ुल्लाह द्वारा शिकायत देने के बाद मामला दर्ज किया गया। तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है। पड़ोस में स्थिति सामान्य है।” एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 295 (किसी भी वर्ग के व्यक्तियों के धर्म का अपमान करने के लिए पूजा स्थल या पवित्र वस्तु को नष्ट करना, नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना) के तहत दर्ज की गई है।
शाहजहांपुर जिले में एक अन्य घटना में, कटरा पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में "जय श्री राम" लिखे भगवा झंडे को कथित तौर पर अपवित्र पाए जाने के आरोप में अल्पसंख्यक समुदाय के चार लोगों और कुछ अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया। लेकिन कटरा पुलिस स्टेशन के एसएचओ गौरव त्यागी ने कहा, “हमने मामला दर्ज कर लिया है। लेकिन जांच के दौरान उन लोगों की भूमिका सामने नहीं आई है और हमें संदेह है कि उन्हें फंसाया जा रहा है।"
अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ ऐसी सूचनाओं की बाढ़ आई हुई है, जिसमें मसजिदों, दरगाहों पर भगवा झंडा फहराने की कोशिश की गई या फहरा दिया गया। लेकिन तमाम मामलों में पुलिस ने पुष्टि नहीं की है। महाराष्ट्र के बाद यूपी से ऐसी सूचनाएं आ रही हैं। महाराष्ट्र में मंगलवार 23 जनवरी को हिन्दू संगठनों के कुछ युवक प्रसिद्ध पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट में घुस गए। उन्होंने इंस्टीट्यूट परिसर में लगे बैनर को फाड़ दिया। बैनर पर लिखा था- बाबरी मसजिद का विध्वंस संविधान के विरूद्ध है। यहां पर इससे पिछली रात को आनंद पटवर्धन की फिल्म राम के नाम दिखाई गई थी।
इसी तरह मुंबई के पास मीरा रोड पर 21, 22 और 23 जनवरी को हिंसक साम्प्रदायिक झड़पें हुईं। दंगा करने के आरोप में मंगलवार को ्अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की कुछ दुकानों को महाराष्ट्र सरकार के आदेश पर बुलडोजर से गिरा दिया गया। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक दिन पहले बयान दिया था कि राज्य में साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वालों के लिए जीरो टालरेंस नीति है। कार्रवाई की जाएगी। मीरा रोड के जो वीडियो सामने आए हैं, उनमें अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को युवकों की भीड़ निशाना बना रही है। इनके हाथों में आरएसएस के झंडे थे।
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