रामपुर विधानसभा उपचुनाव में 5 दिसंबर को मतदान के दौरान मतदाताओं को वोट डालने से रोकने की घटनाओं को आज 7 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस के सामने रखा गया। चीफ जस्टिस ने इसे गंभीर मामला बताते हुए इसे 8 दिसंबर को उनकी कोर्ट के सामने उल्लेख (मेंशन) किए जाने की बात कही। रामपुर में कुल 33 फीसदी मतदान हुआ जो अब तक का सबसे कम मतदान है। तमाम नागरिक संगठनों, वकीलों और समाजवादी पार्टी का आरोप है कि सरकार के इशारे पर पुलिस ने रामपुर के मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया गया। उन्हें पीटा गया, उनके घरों पर पुलिस ने हमले किए।