राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, अभी भी स्थिति साफ़ नहीं है। कांग्रेस ने अभी भी इस सीट पर किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। पिछली बार वह बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए थे और बीजेपी अभी भी इसको लेकर तंज कसती रही है। लेकिन पिछली बार राहुल ने अमेठी के साथ ही केरल के वायनाड़ से भी चुनाव लड़ा था और वह वहाँ से जीत गए थे। इस बार वह वायनाड़ से चुनाव का पर्चा दाखिल कर चुके हैं। तो सवाल है कि क्या राहुल इस बार भी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे?
अखिलेश यादव के साथ राहुल गांधी ने जब प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो यही सवाल उनके सामने आया। यह पूछे जाने पर कि अमेठी से कांग्रेस किसे चुनेगी, राहुल गांधी ने कहा, 'यह भाजपा का सवाल है, बहुत अच्छा। मुझे जो भी आदेश मिलेगा, मैं उसका पालन करूंगा। हमारी पार्टी में, ये सभी निर्णय कांग्रेस चुनाव समिति द्वारा लिए जाते हैं।' उन्होंने कहा कि वह पार्टी के सिपाही हैं और कमेटी जो फैसला लेगी, उसका पालन करेंगे।
इस सीट पर चर्चा तब फिर से शुरू हो गई जब प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी कहा है कि अमेठी के लोग चाहते हैं कि वह उनका प्रतिनिधित्व करें। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनने का फैसला सही समय पर लिया जाएगा। इस सीट का प्रतिनिधित्व पहले राहुल गांधी के चाचा संजय गांधी, उनके पिता राजीव गांधी और बाद में उनकी मां सोनिया गांधी ने भी किया था।
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि राहुल गांधी अमेठी से भी चुनाव लड़ सकते हैं। राहुल गांधी ने 2004 से लगातार तीन बार अमेठी सीट जीती थी।
इससे पहले 2009 के चुनाव में राहुल गांधी को 4 लाख 64 हज़ार से ज़्यादा वोट मिले थे। यह कुल वोटों का क़रीब 71.78 फ़ीसदी था। तब राहुल अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीएसपी उम्मीदवार से 3 लाख 70 हज़ार वोटों के अंतर से जीते थे। 2004 में राहुल गांधी को 3 लाख 90 हज़ार वोट मिले थे और तब वह 2 लाख 90 हज़ार वोट के अंतर से जीते थे।
अपनी राय बतायें