पहले मंदिर से होना था रोड शो
प्रियंका गाँधी जिस हिंंदुत्व कार्ड से बीजेपी को यहाँ चोट देने वाली थीं उसमें वे ट्रेन से सुबह अयोध्या पहुँच कर सीधे हनुमान गढ़ी जाकर धार्मिक अनुष्ठान के साथ दर्शन-पूजन करने के बाद ही अयोध्या से रोड शो शुरू करने वाली थीं। इससे यह बताने की कोशिश होती कि प्रियंका भी हिंदू परम्पराओं की पोषक हैं।
कांग्रेस की हिंदू वोटों को बीजेपी से छीनने की रणनीति थी पर जब विवादित राम जन्म भूमि मंदिर के पुजारी सत्येन्द्र दास व मंदिर के पक्षकार महंत धर्म दास ने उनके अयोध्या में राम मंदिर का दर्शन करने पर सवाल खड़ा कर कांग्रेस को ही राम मंदिर के निर्माण में सबसे बड़ा बाधक कह डाला तो अगले दिन कार्यक्रम बदल कर 29 मार्च कर दिया गया। इसके साथ ही प्रियंका का मंदिर से शुरू होने वाला रोड शो का कार्यक्रम भी बैकफ़ुट पर आ गया। रोड शो को अयोध्या से 45 किमी दूर कुमारगंज से शुरू करने की योजना बनी और मंदिर में दर्शन आपाधापी में रात 8.30 बजे के बाद रखा गया।
अयोध्या व राम मंदिर से रखी दूरी
क़रीब 45 किमी के लंबे रोड शो में प्रियंका राम मंदिर प्रकरण व अयोध्या की विकास योजनाओं पर कोई चर्चा न करके केवल प्रधानमंत्री मोदी व उनकी नीतियों व कार्यक्रम की आलोचना कर उन पर हमलावर रहीं। वह हनुमानगढ़ी मंदिर के पास ही राम लला मंदिर में दर्शन करने क्यों नहीं जा रही हैं? संतों के उठाए गए इस सवाल का जवाब देने की ज़रूरत भी उन्होंने नहीं समझी।
अंसारी ने कांग्रेस पर उठाए सवाल
बाबरी मसजिद केस के मुद्दई इक़बाल अंसारी ने प्रियंका के कथित अयोध्या प्रेम पर सीधा हमला किया। अंसारी ने कांग्रेस की 60 साल की सत्ता में अयोध्या के विकास के मुद्दे पर सवाल खड़ा किया। अंसारी ने आरोप लगाया कि अयोध्या का कोई विकास कांग्रेस के कार्यकाल में नहीं हुआ। अंसारी ने मोदी व योगी सरकार की बढ़ाई करते हुए कहा कि यहाँ करोड़ों की योजनाएँ लाँच की गई हैं जिसमें रामायण सर्किट, मेडिकल कॉलेज, अयोध्या का अंतरराष्ट्रीय मानकों पर रेलवे स्टेशन का निर्माण, एयरपोर्ट आदि बड़े काम शामिल हैं।
अंसारी ने कहा कि अयोध्या को विकास चाहिए, जो कांग्रेस ने नहीं किया। चुनाव आने पर कांग्रेस के राहुल व प्रियंका यहाँ चुनावी यात्रा करते हैं। अंसारी की बात पर अयोध्या के लोगों ने भी मुहर लगाई।
हिंंदुत्व पर बैकफु़ट पर क्यों
अयोध्या के रोड शो के दौरान जगह-जगह लोगों ने यह सवाल उठाया कि राम मंदिर व अयोध्या के विकास के मुद्दे पर प्रियंका क्यों बैकफ़ुट पर चली गईं। इस पर विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस चुनाव के दौरान हिंदू मतों के ध्रुवीकरण के मोह में हिंंदुत्व का कार्ड खेलने की कोशिश करती है। लेकिन मुसलिम वोट बैंक इससे बिखर न जाए इसके डर से बैकफु़ट पर चली जाती है। शर्मा ने कहा कि बीजेपी की अयोध्या व राम मंदिर को लेकर नीति साफ़ है। बीजेपी सरकार के मंत्री से लेकर सीएम तक विवादित स्थल पर विराजमान राम लला का दर्शन करने जाते हैं।
प्रियंका गाँधी से जब पूछा गया कि वह हनुमान गढ़ी के पास ही राम मंदिर में राम लला का दर्शन करने क्यों नहीं जा रहीं हैं? तो उन्होंने मंदिर का केस सब ज्युडिस है कह कर पल्ला झाड़ लिया।
बीजेपी में बौखलाहट
प्रियंका के लिए उमड़ी भीड़ को देख कर बीजेपी के खेमे में बौखलाहट देखी गई। प्रियंका जब हनुमान गढ़ी का दर्शन करके निकलीं तो वहाँ जमा लोगों ने मोदी के नारे लगाए। एसपीजी सुरक्षाकर्मियों ने वहाँ से लोगों को हटाया।
दो ख़ेमों में बंटे संत
प्रियंका गाँधी के हनुमान गढ़ी में दर्शन को लेकर अयोध्या के संत दो ख़ेमों में बंट गए हैं। हनुमान गढ़ी के महंत ज्ञान दास धर्म दास व निर्मोही अखाड़ा के महंत व मंदिर-मसजिद केस में राम मंदिर के पक्षकार महंत दिनेंद्र दास ने प्रियंका के दर्शन का स्वागत कर उन्हें आशीर्वाद भी दिया। साथ ही यह भी कहा कि जो भी मंदिर में आता है, वह उसे आशीर्वाद देते हैं। उन्होंने कहा कि कोई किस मंदिर में जाता है यह उसकी मर्जी। दूसरी ओर, विवादित राम जन्म भूमि मंदिर के पुजारी सत्येन्द्र दास व महंत राघवेश दास वेदांती व विहिप कैंप के संतों ने प्रियंका गाँधी के अयोध्या दर्शन को राजनीतिक चुनावी ड्रामा बताया। साथ ही यह आरोप भी लगाया कि मंदिर मामले में बाधा कांग्रेस ही पैदा कर रही है। प्रियंका में दम हो तो राम लला का दर्शन कर राम मंदिर पर कांग्रेस का पक्ष रखें।
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