प्रयागराज के फाफामऊ थाना क्षेत्र में हुई दलित परिवार की हत्या के मामले में पुलिस के बयानों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस का कहना है कि इस मामले में गिरफ़्तार किए गए पवन सरोज नाम के युवक ने कुछ लोगों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया है जबकि पवन के परिवार का कहना है कि सवर्ण समुदाय के अभियुक्तों को बचाने के लिए पवन को फंसाया जा रहा है। पवन भी दलित समुदाय से ताल्लुक रखता है।
इस मामले में पड़ोसी दबंग परिवार पर आरोप है कि उसने ज़मीन विवाद के मामले में रंजिश रखते हुए दलित परिवार के चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
पुलिस ने मामले में हत्या और दुष्कर्म की धाराओं में सवर्ण समुदाय के 11 लोगों के ख़िलाफ़ नामजद मुक़दमा दर्ज किया था।
पुलिस ने इन 11 में से 4 लोगों को एक दूसरे मुक़दमे में जेल भेज दिया है। यह मुक़दमा घटना में मारे गए पीड़ित परिवार के रिश्तेदारों ने दर्ज कराया है।
घटना में फूलचंद्र (50 वर्ष) उसकी पत्नी मीनू (45 वर्ष), बेटी (17 वर्ष) और बेटे शिव (10 वर्ष) की हत्या हुई थी। हालांकि पुलिस का कहना है कि लड़की नाबालिग नहीं थी।
पुलिस का कहना है कि पवन सरोज मृतक परिवार की लड़की को मोबाइल पर मैसेज भेजकर लगातार परेशान कर रहा था लेकिन लड़की उसे नज़रअंदाज कर रही थी। अंतिम मैसेज और सबूतों के आधार पर पवन सरोज की गिरफ़्तारी हुई है। लेकिन पुलिस ने अभी तक पवन सरोज के ख़िलाफ़ उसके पास क्या सबूत हैं, इन्हें सामने नहीं रखा है। पुलिस का कहना है कि पवन सरोज ने लड़की की मौत से कुछ घंटे पहले उसे आई हेट यू लिखकर मैसेज भेजा था।
‘बलि का बकरा बना रही पुलिस’
पवन सरोज की बड़ी बहन का कहना है कि उसके भाई को दलित और ग़रीब होने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि घटना वाले दिन उसका भाई घर पर था। उन्होंने कहा कि पुलिस सवर्ण समुदाय के लोगों को बचाना चाहती है और इसलिए उसके भाई को बलि का बकरा बना रही है।
पवन के पिता राम कुमार सरोज ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि 27 नवंबर की रात को पुलिस प्रेमनगर स्थित उनके घर पर आई थी। पिता ने ‘दैनिक भास्कर’ से कहा, “हम सभी लोग सो रहे थे। पुलिस ने दरवाजा खटखटाया। मैंने दरवाजा खोला। पुलिस ने सो रहे पवन को वहां रखे सरिया से खूब मारा। उससे वो लहूलुहान हो गया। पुलिस ने उसकी शर्ट, पैंट, मोबाइल को उठा लिया।”
घटना में मारे गए फूलचंद्र के भाई ने कहा है कि अगर पवन सरोज को मारना होता तो वह सिर्फ़ लड़की को मारता न कि पूरे परिवार को। उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई है।
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