जेवर में बनने वाला नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जब 2024 में बन कर तैयार हो जाएगा तो यह देश के बडे हवाई अड्डों में एक होगा, जहाँ एक साथ दो बड़े हवाई जहाज़ उतारने की सुविधा होगी। लेकिन इसका विस्तार कर यहाँ छह रनवे बनाया जा सकता है।
लगभग 7200 एकड़ में फैले इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का इस्तेमाल सालाना 50 लाख मुसाफिर कर सकेंगे। लेकिन इसका विस्तार किया जाए तो 60 लाख या उसके दूने यानी लगभग 120,00,000 यात्री इसका सालाना इस्तेमाल कर सकेंगे।
इन बातों से समझा जा सकता है कि यह हवाई अड्डा कितना बड़ा होगा और भविष्य में इसे लेकर क्या संभावनाएं हैं। चार चरणों पूरा होने वाले इस हवाई अड्डे के पहले चरण का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को किया है।
पहला चरण
पहला चरण 2024 में पूरा होने की उम्मीद है और उस समय यह 1334 हेक्टेयर में फैला होगा, जहाँ दो रनवे और चार टर्मिनल होंगे। हवाई अड्डा बनाने का ठेका स्विटज़रलैंड की कंपनी ज़्यूरिख़ एअरपोर्ट इंटरनेशनल को मिला और उसने यह काम पूरा करने के लिए स्थानीय स्तर पर एक अलग कंपनी बनाई, जिसका नाम यमुना इंटरनेशनल एअरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड रखा गया है। यह कंपनी ज़्यूरिख़ एअरपोर्ट की सौ फ़ीसदी स्वामित्व वाली कंपनी है।
इस पहले चरण के निर्माण कार्य पर 29,650 करोड़ रुपए खर्च होंगे। नोयडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के पहले चरण के निर्माण कार्य के तहत टर्मिनल एक का बिल्डिंग बनाया जाएगा जिसमें 90 हज़ार वर्ग मीटर की जगह होगी, रनवे होगा, उससे जुड़ा हुआ टैक्सीवे होगा।
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के दूसरे चरण में भी एक रनवे और उससे जुड़ा टैक्सीवे बनेगा।
तीसरे चरण में टर्मिनल तीन बनेगा जो 1,60,000 वर्ग मीटर में होगा। इसके साथ ही दो समानान्तर टैक्सीवे होंगे।
चौथे चरण में 1,60,000 वर्ग मीटर का टर्मिनल चार और 1,50,000 वर्ग मीटर का कारगो एरिया होगाा।
यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्रधिकार के अनुसार, हवाई अड्डे के इर्द-गिर्द कई तरह की कंपिनियों को काम करने के लिए जगह दी जाएगी और आवास निर्माण का काम होगा।
इसके अनुसार, 1,269 कंपनियों और 6,000 आवास सोसाइटी को अनुमति दी जा चुकी है। इस पर लगभग 18,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा। प्राधिकार का अनुमान है कि लगभग एक लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा।
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