पीटीआई की एक खबर के मुताबिक जमीयत-ए-उलेमा हिंद ने खुब्बापुर गांव से कुछ किलोमीटर दूर एक अन्य निजी स्कूल में उस बच्चे को शिफ्ट किया जा रहा है, जिसे गांव के स्कूल में थप्पड़ लगवाए गए थे। जमीयत के जिला अध्यक्ष मौलाना मुकर्रम ने पीटीआई को बताया कि जमीयत-ए-उलेमा हिंद ने लड़के की शिक्षा को स्पांसर करने का बीड़ा उठाया है और शाहपुर के एक अंग्रेजी मीडियम स्कूल में उसके एडमिशन की व्यवस्था की है।
उन्होंने कहा कि जमीयत ने लड़के को नए स्कूल में लाने और ले जाने के लिए एक वाहन किराए पर लिया है, जहां उसे अपर केजी में दाखिला दिया गया है और दावा किया कि जब तक वह पढ़ना चाहता है, जमीयत-ए-उलेमा हिंद उसकी शिक्षा को स्पांसर करेगा। मुकर्रम ने कहा कि जमीयत-ए-उलेमा हिंद के सदस्यों ने अपने अध्यक्ष अरशद मदनी के निर्देश पर रविवार को लड़के के परिवार से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि लड़के के पिता और संगठन के सदस्यों ने सोमवार को नए स्कूल का दौरा किया और प्रवेश प्रक्रिया पूरी की।
इस बीच, यूपी अल्पसंख्यक आयोग ने भी इस घटना का स्वत: संज्ञान लिया। आयोग ने मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से घटना के बारे में आठ सूत्रीय रिपोर्ट भेजने को कहा है। आयोग ने मुजफ्फरनगर के बीएसए और टीचर तृप्ता त्यागी को छह सितंबर को लखनऊ में उसके सामने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का भी निर्देश दिया है। आरोप है कि टीचर तृप्ता त्यागी के निर्देश पर मुस्लिम लड़के को उसके सहपाठियों ने थप्पड़ मारे। इसका वीडियो कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें टीचर को समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए भी देखा गया था। वायरल वीडियो से सभी वर्गों में आक्रोश फैल गया था। तृप्ता त्यागी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
जिस नेहा पब्लिक स्कूल में यह घटना हुई मंगलवार को चौथे दिन भी बंद है। स्कूल प्रबंधन ने कहा कि वे स्कूल की संबद्धता को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा भेजे गए कारण बताओ नोटिस का जवाब देने में व्यस्त हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने पीटीआई को बताया कि स्कूल को उसकी संबद्धता को लेकर शनिवार को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था और उसे संबद्धता के मुद्दे पर जवाब देने को कहा गया है। स्कूल को 2019 में तीन साल के लिए संबद्धता मिली थी। पिछले साल मान्यता समाप्त होने के बावजूद स्कूल प्रबंधन ने इसे नवीनीकृत कराने का प्रयास नहीं किया। शुभम शुक्ला ने कहा कि स्कूल बंद नहीं किया जाएगा और छात्रों के हित में वहां सामान्य शिक्षण गतिविधियां तब तक जारी रहेंगी जब तक उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती।
लड़के के परिवार की शिकायत पर टीचर पर हालांकि भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया है। लेकिन ये मामूली धाराएं हैं और गैर संज्ञेय श्रेणी में आते हैं। इसी वजह से टीचर की गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई।
तृप्ता त्यागी ने अपने बचाव में कहा था कि मामले को सांप्रदायिक रंग देने के लिए क्लिप के साथ छेड़छाड़ की गई थी और दावा किया था कि वीडियो छात्र के चाचा ने शूट किया था। हालाँकि, उन्होंने स्वीकार किया कि छात्र को उसके सहपाठियों द्वारा थप्पड़ लगवाना गलत था। हालांकि इसका भी बचाव करते हुए टीचर ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह शारीरिक रूप से अक्षम थी और खड़े होने और छात्र तक पहुँचने में सक्षम नहीं थी। बहरहाल, लड़के के पिता ने पीटीआई को बताया कि नींद न आने की शिकायत के बाद रविवार को उनके बेटे को मेडिकल जांच के लिए मेरठ ले जाया गया। उनका बेटा घर लौट आया है और अब सामान्य है।
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