जानकारी के मुताबिक छिबरामऊ में आर एस इंटर कॉलेज में शिव कुमार नामक टीचर की घड़ी गायब हो गई। इस पर टीचर ने छात्रों से पूछताछ शुरू कर दी। इसी क्रम में 9वीं क्लास के छात्र दिलशाद को भी शिवकुमार ने पूछताछ के लिए बुलाया।
दिलशाद के परिवार का आरोप है कि टीचर शिव कुमार एक बंद कमरे में छात्रों से पूछताछ कर रहे थे। दिलशाद जब वहां पहुंचा तो शिव कुमार ने दिलशाद को बर्बरता से पीटा। दिलशाद के साथी छात्रों ने परिवार को बताया था कि कमरे से दिलशाद के रोने-चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं लेकिन शिव कुमार पर इतना गुस्सा सवार था कि वो काफी देर तक दिलशाद को पीटते रहे। घर आने पर दिलशाद की मौत हो गई।
"टीचर की पिटाई से 9वीं कक्षा के छात्र की मौत,घर मे छाया मातम"#उत्तर_प्रदेश में #कन्नौज के #छिबरामऊ के कसावा चौकी के पास R S इंटर कॉलेज में टीचर शिव कुमार को घड़ी गायब हुई। उसने 9वीं के छात्र दिलशाद को पूछताछ के लिए कमरे में बुलाकर बर्बरता से पीटा। pic.twitter.com/CpXi9I8ewr
— Ayub Khan (@AyubKha87854248) July 27, 2022
दिलशाद के पिता दिव्यांग हैं और मजदूरी करके परिवार को पालते हैं। दिलशाद के पिता का मीडिया के सामने बयान है कि टीचर शिवकुमार, प्रभाकर व विवेक ने घड़ी चोर बताकर बहुत पिटाई की।
इस घटना के संबंध में एसपी कन्नौज का पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहना है कि थाना छिबरामऊ क्षेत्र में हुई बच्चे की मृत्यु का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्रॉनिक लंग डिसीज़ पाया गया है। बच्चे के शरीर में किसी भी प्रकार के चोट के निशान नही पाए गए है। पिटाई व मारपीट से मृत्यु का आरोप असत्य है।
थाना छिबरामऊ क्षेत्र में हुई बच्चे की मृत्यु का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्रोनिक लंग डिसीज़ पाया गया है।बच्चे के शरीर में किसी भी प्रकार के चोट के निशान नही पाए गए है। पिटाई व मारपीट से मृत्यु का आरोप असत्य है।
— kannauj police (@kannaujpolice) July 27, 2022
प्रकरण के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक कन्नौज द्वारा दी गयी बाइट। pic.twitter.com/ZVoMIP0GjE
बहरहाल, दिलशाद के परिवार ने पुलिस की कहानी को सच मानने से इनकार कर दिया है। परिवार का कहना है कि स्कूल के बाकी बच्चे झूठ नहीं बोल रहे हैं। बाकी बच्चों ने जो जानकारी बन रही है, उसमें इन्हीं तीन टीचरों का नाम आया है। जिसमें शिव कुमार मुख्य है। हालांकि इन आरोपों की पुष्टि स्वतंत्र रूप से करना संभव नहीं है। कॉलेज प्रशासन और पुलिस इस मामले में पिटाई के आरोप से ही इनकार कर रहे हैं। अगर दिलशाद की मौत पिटाई से नहीं भी हुई है तो भी परिजनों के आरोप के आधार पर जांच और एफआईआर बनती है लेकिन गरीब परिवार होने की वजह से इन लोगों की कोई सुनवाई कहीं भी नहीं हो रही है।
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