कोरोना वायरस का सबसे पहला मामला कहाँ आया? यह लैब से लीक हुआ वायरस है या प्राकृतिक यानी जानवरों से इंसानों में फैलने वाला? इन सवालों पर अब तक विवाद रहा है। लेकिन एक नये शोध में इसकी उत्पति की जगह को लेकर स्पष्ट दावे किए गए हैं। ये शोध भी कोई ऐसा वैसा शोध नहीं है, इसे दुनिया की प्रतिष्ठित साइंस पत्रिका ने प्रकाशित किया है।
मंगलवार को प्रकाशित जर्नल साइंस में नए अध्ययनों के अनुसार, चीन के वुहान में एक एनिमल मार्केट यानी पशु बाजार कोविड महामारी का केंद्र था।
Analysis of spatial distributions of early #COVID19 cases and environmental samples from the Huanan market point to the market as the epicenter of #SARSCoV2 emergence, from activities associated with wildlife trade. https://t.co/tykjmEOGxW @MichaelWorobey @K_G_Andersen pic.twitter.com/THYDkLualC
— Science Magazine (@ScienceMagazine) July 26, 2022
क्या यह बीमारी जानवरों से इंसानों में प्राकृतिक रूप से फैली है या एक लैब यानी प्रयोगशाला दुर्घटना का परिणाम है? इस सवाल के जवाब ढूंढने को अगली ऐसी किसी महामारी को टालने और लाखों लोगों की जान बचाने के लिए अहम माना जा रहा है।
इस मामले में प्रकाशित दो शोधों में से पहले में कहा गया है कि प्रकोप के पहले महीने दिसंबर 2019 में कोविड मामलों के भौगोलिक पैटर्न का विश्लेषण किया गया। इसमें देखा गया कि पहले मामले वुहान के हुआनन सीफूड होलसेल मार्केट के आसपास के ही थे।
दूसरे शोध में वायरस के शुरुआती विकास का अध्ययन करने के लिए शुरुआती मामलों के जीनोमिक डेटा की जाँच की गई। इसमें यह निष्कर्ष निकला कि नवंबर 2019 से पहले मनुष्यों में कोरोना वायरस की संभावना नहीं थी।
दोनों शोधों को पहले ही 'प्रीप्रिंट्स' के रूप में पोस्ट किया गया था, लेकिन अब साइंटिफिक पीयर रिव्यू किया गया है और एक प्रतिष्ठित पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
इस साइंस पत्रिका में प्रकाशित इन शोधों को लेकर डब्ल्यूएचओ ने भी काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
Happy to see these papers now published. @WHO & SAGO reviewed these as preprints & will again now published. Critical we continue to study the origins of the #COVID19 pandemic to ensure that we are better prepared to prevent and mitigate future outbreaks, epidemics and pandemics. https://t.co/IuMwUK0iRI
— Maria Van Kerkhove (@mvankerkhove) July 27, 2022
एएफ़पी की रिपोर्ट में कहा गया है कि एरिज़ोना विश्वविद्यालय के माइकल वोरोबे ने दोनों शोधों का सह-लेखन किया है। उन्होंने पहले वैज्ञानिक समुदाय को इस बात को स्वीकारने के लिए और अधिक खुला होने का आह्वान किया था कि वायरस एक प्रयोगशाला में लीक होने का परिणाम था।
लेकिन इन दोनों शोधों के निष्कर्षों के बाद माइकल वोरोबे के विचार बदल गए। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा है कि अब मुझे भी लगता है कि यह प्रशंसनीय नहीं है कि इस वायरस को वुहान बाजार में जंगली व्यापार के अलावा किसी अन्य तरीक़े से पेश किया गया बताया जाए।
बता दें कि पूर्व में अध्ययन की टीम ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पहचाने गए पहले 174 मामलों में से अधिकांश के स्थान का निर्धारण करने के लिए मैपिंग टूल का उपयोग किया था। उनमें से 155 वुहान में पाए गए थे। इसके अलावा ये सभी मामले उस बाज़ार के चारों ओर थे। अब
इस वायरस से संक्रमित होने वाले जानवरों में लाल लोमड़ी, हॉग बैजर और रैकून कुत्ते शामिल हैं और इन सभी को वुहान के उस बाजार में जिंदा बेचा जाता रहा है।
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