उत्तर प्रदेश की राजनीति में माफ़िया डॉन की छवि रखने वाले पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी को लेकर दो राज्यों की सरकारें आमने-सामने हैं। मुख़्तार अंसारी रंगदारी मांगने के एक मामले में 2019 से पंजाब के रोपड़ जिले की एक जेल में बंद हैं और उत्तर प्रदेश सरकार उन्हें वापस लाना चाहती है लेकिन पंजाब सरकार इसका पुरजोर विरोध कर रही है।
मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और दोनों राज्य सरकारों ने केस जीतने के लिए भारी भरकम वकीलों को खड़ा किया है। पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी पंजाब सरकार के वकील हैं तो उत्तर प्रदेश सरकार की पैरवी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कर रहे हैं।
हालात ये हो गए हैं कि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी ने इस मामले में अमरिंदर सरकार को निशाने पर लिया हुआ है और कांग्रेस सरकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।
पंजाब सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों और अनुच्छेद 32 के तहत एक राज्य दूसरे राज्य पर मुक़दमा नहीं चला सकता है क्योंकि यह संघीय योजना के ख़िलाफ़ है, इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका को खारिज कर दिया जाए।
मेहमान बनाकर बैठी है सरकार
शिरोमणि अकाली दल ने आरोप लगाया है कि पंजाब की कांग्रेस सरकार इस गैंगस्टर को मेहमान बनाकर बैठी है। अकाली दल के विधायक बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ने विधानसभा में आरोप लगाया कि एक महंगे वकील को अंसारी का मुक़दमा लड़ने के लिए राज्य सरकार ने रखा है और उसे उत्तर प्रदेश भेजे जाने का मामला एक मजाक बन गया है।
उन्होंने कहा कि अमरिंदर सरकार इस बात का जवाब दे कि क्यों उसने दो साल से अंसारी को जेल में रखा हुआ है और उसे उत्तर प्रदेश जाने से रोकने के लिए वह क्यों पैसा ख़र्च कर रही है।
मजीठिया ने कहा कि अमरिंदर सरकार के पास समाज कल्याण की योजनाओं के लिए पैसा नहीं है लेकिन वह अंसारी के बचाव में सुप्रीम कोर्ट में अब तक करोड़ों रुपये ख़र्च कर चुकी है।
सोनिया-राहुल तक पहुंची आंच
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ ने बुधवार को कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार मुख़्तार अंसारी को संरक्षण दे रही है और ऐसा वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ख़ुश करने के लिए कर रही है। चुघ ने सवाल उठाया कि आख़िर सरकार क्यों इस कुख़्यात अपराधी को बचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसा मुसलिम वोटों को लुभाने के लिए कर रही है लेकिन योगी सरकार ऐसा नहीं होने देगी।
योगी सरकार के निशाने पर
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बीते कई महीनों से मुख़्तार अंसारी और उनके क़रीबियों के पीछे पड़ी हुई है। अंसारी और उनके क़रीबियों की कई संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया जा चुका है। पिछले साल लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने मुख़्तार अंसारी के बेटों की लखनऊ के डालीबाग में बनी दो इमारतों को गिरा दिया था।
कौन हैं मुख़्तार अंसारी
मुख़्तार को पूर्वांचल की राजनीति का बाहुबली नेता माना जाता है। अंसारी पांच बार विधायक रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में उन्हें भू-माफिया भी कहा जाता है। ब्रजेश सिंह के गैंग से उनकी कट्टर दुश्मनी रही है। मुख़्तार के भाई अफ़जाल अंसारी भी राजनेता हैं। मुख़्तार के अलावा कुछ और भू-माफियाओं के ख़िलाफ़ भी योगी सरकार कार्रवाई कर रही है।
गाड़ी पलटने का डर?
उत्तर प्रदेश की राजनीति के दबंग राजनेता के रूप में पहचाने जाने वाले मुख़्तार अंसारी के पंजाब से उत्तर प्रदेश न आने के पीछे सोशल मीडिया पर यह चर्चा है कि उन्हें गाड़ी पलटने का डर है। यह डर कानपुर के कुख़्यात अपराधी विकास दुबे के साथ हुई घटना को लेकर बताया जाता है। बीते साल जब उत्तर प्रदेश पुलिस विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से ला रही थी तो पुलिस के मुताबिक़ रास्ते में गाड़ी पलटने पर विकास ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और फ़ायरिंग की लेकिन पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।
कहा जाता है कि मुख़्तार अंसारी को भी उत्तर प्रदेश पुलिस की ऐसी ही कार्रवाई का डर सता रहा है।
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