मुख़्तार अंसारी, ये वो नाम है, जिसका एक वक़्त में उत्तर प्रदेश की राजनीति में ख़ासा रसूख था। सरकार चाहे किसी की भी बने मुख़्तार की तूती बोलती थी। लेकिन सामान्य जीवन में जिस तरह हर लम्हा ख़ुशनुमा नहीं रहता, ठीक वैसा ही राजनीति में भी होता है। 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री क्या बने, मुख़्तार के बुरे दिन शुरू हो गए।
पिता आज़ादी की लड़ाई में शामिल थे, मुख़्तार बन गया अपराधी
- उत्तर प्रदेश
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- 7 Apr, 2021
मुख़्तार अंसारी, ये वो नाम है, जिसका एक वक़्त में उत्तर प्रदेश की राजनीति में ख़ासा रसूख था। सरकार चाहे किसी की भी बने मुख़्तार की तूती बोलती थी।

मुख़्तार अंसारी पूर्वांचल के मऊ से 5 बार विधायक रहे हैं। आगे बढ़ने से पहले थोड़ा मुख़्तार के पारिवारिक इतिहास के बारे में जानते हैं। मुख़्तार के दादा डॉ. मुख़्तार अहमद अंसारी 1927–28 में कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे। उनके नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान अंसारी ‘नौशेरा के शेर’ थे और उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था।