उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में एक नाबालिग की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस की पिटाई की वजह से उसकी जान गई। मामले के तूल पकड़ने के बाद तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और जांच का आदेश दे दिया गया है।
यह वाकया लखीमपुर के संपूर्ण नगर का है। पुलिस का कहना है कि लड़के के चाचा ने 17 जनवरी को आरोप लगाया था कि लड़के ने उनका मोबाइल चुरा लिया है।
19 जनवरी को इस मामले में दोनों पक्षों- चाचा व लड़के के परिजनों को पुलिस थाने बुलाया और इसके बाद सबके सामने पुलिस ने पूछताछ की।
पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन का कहना है कि थोड़ी देर बाद एक लिखित समझौता हुआ और सभी लोग अपने घर चले गए। यह समझौता पुलिस के पास है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि लड़के की मां और कुछ और लोग थाने आए और तहरीर दी कि 20 जनवरी की रात को लड़के के चाचा और एक दूसरे व्यक्ति ने इनके बेटे के साथ फिर से मारपीट की है।
पुलिस अधीक्षक का कहना है कि 20 जनवरी की रात 11:30 बजे लड़के को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 22 जनवरी की सुबह उसकी मौत हो गई।
लेकिन लड़के के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई से लड़के की मृत्यु हुई है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आगे की जांच में अगर पुलिसकर्मी दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
घटना के वायरल वीडियो में परिजन रोते हुए कहते हैं कि लड़के को पुलिस वालों ने ही पीटा है।
उत्तर प्रदेश में पुलिस पर थाने में टॉर्चर करने और हिरासत में मौत होने के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। बीते साल अक्टूबर में आगरा के अरूण वाल्मीकि की मौत हो या नवंबर में कासगंज के अल्ताफ़ की, इसे लेकर पुलिस पर ही गंभीर सवाल खड़े हुए हैं।
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