48 घंटों में घर वापसी कर रहे 60 से ज़्यादा मज़दूरों की सड़कों पर कुचल कर हुई मौत के बाद योगी सरकार ने शहरों की सीमाएँ सील कर पैदल या अन्य गाड़ियों से आ रहे मज़दूरों को रोक दिया है। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने शनिवार दोपहर एक आदेश जारी कर पैदल, मिनी ट्रक, ट्रक, मेटाडोर, ऑटो, साइकिल या किसी अन्य निजी वाहन से मज़दूरों के आने पर रोक लगा दी है। आदेश में पुलिस कप्तानों पर ज़िलाधिकारियों से कहा गया है कि उन्हें 200 बसें प्रत्येक ज़िले में दी जाएँगी जिससे मज़दूरों को उनके घर तक भेजा जा सके।
मुख्य सचिव के इस आदेश के बाद लखनऊ की सीमा को सील कर दिया गया है। इसके बाद लखनऊ कानपुर हाईवे पर उन्नाव के क़रीब 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। बीते सात घंटे से इस राजमार्ग पर भीषण जाम की स्थिति है और कम से कम छह हज़ार मज़दूर फँसे हुए हैं। लखनऊ की सीमा में घुसने का प्रयास कर रहे मज़दूरों को रोकने के लिए पुलिस के साथ ही पीएसी को भी बुलाना पड़ा है। लखनऊ कानपुर सीमा पर मज़दूरों से भरी गाड़ियों की कतारें लगी हैं। भीषण गर्मी में फँसे कई मज़दूरों की तबियत भी खराब हुई है।
उन्नाव में सरकारी इंटर कॉलेज में जमा कर रहे मज़दूरों को
घंटों लंबे जाम के बाद लखनऊ व उन्नाव के ज़िला प्रशासन ने सड़कों पर आ रहे मज़दूरों को स्थानीय राजकीय इंटर कॉलेज में भरना शुरू कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि यहाँ से मज़दूरों को उनके घर के लिए सरकारी बसों में भेजा जाएगा। हालाँकि देर रात तक सभी मज़दूरों को भेजने का काम शुरू नहीं हो पाया था। उधर मध्य प्रदेश से आ रहे मज़दूरों को भी झाँसी के पास रोका गया है। इसके साथ ही कई अन्य जगहों पर भी मज़दूरों को रोके जाने की ख़बर है।
दुर्घटनाओं के चलते रोका मज़दूरों को
शनिवार तड़के उत्तर प्रदेश में कानपुर के क़रीब औरैय्या में ज़बरदस्त सड़क दुर्घटना में अपने घर को लौट रहे 26 मज़दूरों की मौत हो गयी थी। इसके तुरंत बाद मध्य प्रदेश से आ रहे यूपी के पाँच मज़दूर बांदा में सीमा पर कुचल कर मारे गए। शनिवार दोपहर में आगरा एक्सप्रेस वे पर उन्नाव के बांगरमऊ में दो मज़दूर कुचल कर मर गए। प्रयाग में घर वापसी कर रहे एक मज़दूर की मौत दुर्घटना में हो गयी। इससे पहले के 24 घंटों में अलग-अलग घटनाओं में 26 मज़दूरों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी। बीते 48 घंटों में 60 से ज़्यादा मौतों के बाद योगी सरकार ने पैदल चलने या किसी निजी वाहन से चलने पर पूरी तरह से रोक लगाते हुए इसे रोकने का ज़िम्मा ज़िला प्रशासन को सौंप दिया।
प्रियंका ने कहा- 1000 बसें चलाने की इजाज़त दो
उधर कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गाँधी ने शनिवार दोपहर मुख्यमंत्री को पत्र भेज माँग की कि उन्हें नोयडा और गाज़ियाबाद बॉर्डर से 500-500 बसें चलाने की इजाज़त दी जाए। प्रियंका ने मज़दूरों को भेजने के सरकारी प्रयासों को नाकाफ़ी बताते हुए पार्टी की ओर से बसें चलाने की इजाज़त माँगी। प्रियंका की चिट्ठी लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ख़ुद मुख्यमंत्री कार्यालय गए। देर रात तक कांग्रेस को बसें चलाने की इजाज़त नहीं दी गयी थी।
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