मायावती सुर्खियों में हैं। इस बार भाई-भाभी को ढाई सौ से ज़्यादा फ्लैट मिलने के मामले में। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ये फ्लैट क़रीब आधे दाम पर एक कंपनी से मिले। कंपनी और उनके बीच में जब सौदा हुआ था तब मायावती की सरकार थी। तो सवाल है कि यह सब कैसे हुआ? क्या इसमें कुछ गड़बड़ी है और यदि ऐसा है तो वह गड़बड़ी क्या है?