समाचार पत्रों में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के एक पूरे पेज के विज्ञापन से गठबंधन में रार की ख़बरों के बीच अब डैमेज कंट्रोल की कोशिशें शुरू हो गई हैं। शिंदे सेना ने एक और विज्ञापन जारी किया है जिसमें दोनों नेताओं का ज़िक्र है। बुधवार को कुछ मराठी अख़बारों में छपे इस विज्ञापन में शिंदे और फडणवीस को महाराष्ट्र में विकास के चेहरे के रूप में दिखाया गया है। एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए इसने कहा है कि महाराष्ट्र में 49.3 प्रतिशत मतदाता भाजपा-शिवसेना गठबंधन को पसंद करते हैं।
विज्ञापन में यह भी कहा गया है कि 84 फीसदी मतदाताओं का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ने देश को विकास के लिए एक दृष्टि दी है और 62 फीसदी मतदाताओं का मानना है कि 'डबल इंजन' सरकार राज्य में तेजी से विकास कार्य कर रही है।
शिंदे शिवसेना का यह विज्ञापन तब आया है जब उससे पहले उसने राज्य के सभी अख़बारों में एक विज्ञापन देकर कहा था कि 'राष्ट्र में मोदी और महाराष्ट्र में शिंदे'। उस विज्ञापन में दावा किया गया था कि राज्य में एक सर्वे कराया गया जिसमें सामने आया है कि भाजपा को 30.2 प्रतिशत लोग और शिंदे शिवसेना को 16.2 प्रतिशत यानी कुल मिलाकर इस गठबंधन सरकार को 46.4 फीसदी लोग पसंद करते हैं।
पहले वाले विज्ञापन में आगे कहा गया था कि मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे को 26.1 प्रतिशत और फडणवीस को 23 प्रतिशत लोग पसंद करते हैं यानी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शिंदे अब फडणवीस से आगे हैं जबकि बीजेपी मानती है कि फडणवीस ही उनके नेता हैं और वही मुख्यमंत्री का चेहरा हैं।
जैसे ही मंगलवार को उस पहले वाले विज्ञापन के बाद प्रतिक्रियाएँ आने लगीं, फडणवीस ने कोल्हापुर की अपनी यात्रा रद्द कर दी, जहाँ उन्हें शिंदे के साथ राज्य सरकार के 'शासन अपल्या दारी' कार्यक्रम में भाग लेना था।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को भी फडणवीस मुंबई के वाईबी चव्हाण केंद्र में महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के 75वें अमृत महोत्सव में शामिल नहीं हुए। फडणवीस को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था और शिंदे के साथ मंच साझा करने की उम्मीद थी।
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