बीजेपी की सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का एलान कर दिया है। प्रयागराज से सांसद जोशी ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि बीजेपी ने उनके बेटे मयंक जोशी को विधानसभा चुनाव में टिकट देने से इनकार कर दिया है। रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि वे अब चुनावी राजनीति से संन्यास ले रही हैं।
सांसद ने कहा कि 2024 में उनका कार्यकाल पूरा हो जाएगा और अब वह आगे कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगी।
बता दें कि रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी लखनऊ कैंट सीट से टिकट मांग रहे थे। कुछ दिन पहले जोशी ने कहा था कि बीजेपी अगर एक परिवार में 2 लोगों को टिकट नहीं देना चाहती तो वह अपनी लोकसभा सीट से इस्तीफा दे सकती हैं।
जोशी ने यह भी कहा था कि उनका बेटा 12 साल से राजनीति में मेहनत कर रहा है और टिकट के लिए उसका हक बनता है। जोशी ने इस मामले में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी पत्र लिखा था।
बीजेपी सांसद ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की बात कह कर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बढ़ा दिया है। बेटे को लेकर बीजेपी सांसद ने कहा कि उनका बेटा बालिग है, वह अपने फैसले खुद ले सकता है और वह अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है।
हालांकि उन्होंने एबीपी न्यूज़ से यह जरूर कहा कि वह बीजेपी में बनी रहेंगी और अगर पार्टी चुनाव में प्रत्याशियों का प्रचार करने के लिए कहेगी तो वह जरूर प्रचार करेंगी।
क्या करेंगे मयंक?
अब देखना होगा कि क्या मयंक जोशी को समाजवादी पार्टी चुनाव में टिकट देगी। बीजेपी ने कुछ दिन पहले सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू अपर्णा यादव को पार्टी में शामिल किया था। अपर्णा यादव को लखनऊ कैंट सीट से बीजेपी का उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है।
रीता बहुगुणा जोशी के अलावा बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल, केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर सहित कुछ और बड़े नेता अपने बच्चों के लिए टिकट मांग रहे हैं।
कौन हैं रीता बहुगुणा?
रीता बहुगुणा जोशी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं। रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस में महिला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर थीं लेकिन कुछ साल पहले वह बीजेपी में शामिल हो गई थीं। बीजेपी ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रयागराज सीट से टिकट दिया था जहां से वह जीत कर आई थीं। रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद की मेयर भी रह चुकी हैं।
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